Bokaro: बोकारो इस्पात संयंत्र (BSL) के डायरेक्टर इंचार्ज अमरेंदु प्रकाश के दौर में कुछ हो न हो कंपनी ने कचरों और फेंके हुए सामानों का इस्तेमाल कर खूब फायदा कमाया है। प्लांट का पैसा बचाने को लेकर कर्मियों ने एक से एक अनोखे आईडिया पर काम किया है और शाबाशी बटोरी है।
बताया जाता है कि डायरेक्टर इंचार्ज को क्रिएटिव लोग बहुत पंसद है और उनके नए आईडिया को सम्मान करते है। जिस कारण प्लांट के अंदर का माहौल बदला हुआ है। इसी माहौल में पिछले शुक्रवार को कोक ओवन से निकलने वाले कीचड़ नुमा कचरे (डिकैन्टर टार स्लज ) के भी इस्तमाल का जुगाड़ डायरेक्टर इंचार्ज की करामाती टीम ने लगा लिया।
सेल में बीएसएल पहला ऐसा यूनिट है, जो इस तरह के कचरे का इस्तेमाल कोयले के विकल्प के रूप में करना शुरू कर दिया है। इस वक़्त जब कोयले के दाम आसमान छू रहे है, बीएसएल अपने टार जैसे कचरे का इस्तेमाल कर कोयले की खपत को कम कर रहा है।
क्या है यह डिकैन्टर टार स्लज –
बता दें, डिकैन्टर टार स्लज, बीएसएल के कोक ओवन इकाई द्वारा उत्पन्न खतरनाक अपशिष्ट है। यह टार, कीचड़ जैसा होता है। इसको खपाने के लिए वन पर्यावरण मंत्रालय (MOEF) द्वारा विशेष प्रावधान है। यह एक स्टिकी हाजार्ड वेस्ट है जो कोक ओवन की बैटरियों में कार्बोनाइजेशन के दौरान उत्पादित कोक ओवन गैस से टार के सेपरेशन से बाई प्रोडक्ट के रूप में उत्पन्न होता है।
खुले में नहीं फेंका जा सकता डिकैन्टर टार स्लज-
इस टार कचरे को खुले में नहीं फेंका जा सकता है, क्युकी इससे पर्यावरण को बेहद नुक्सान पहुँचता। इसलिए इस कचरे को डम्फरों में भर-भर कर प्लांट के अंदर बने एक बड़े गड्ढे (सुरक्षित लैंडफिल पिट) में डाल कर मट्टी से तोप दिया जा रहा था। सुरक्षित लैंडफिल पिट को हाजार्डस वेस्ट पिट भी कहते है।
बीएसएल के कोक ओवन से हर दिन तीन-चार टन टार निकलता है। जिसको कोक ओवन से सुरक्षित लैंडफिल पिट में ले जाने में ट्रांसपोर्टेशन का लाखो का खर्च आता है। साथ ही हर दस साल में यह बड़े गड्ढे (सुरक्षित लैंडफिल पिट) भर जाते है और कंपनी को नए बनाने में करीब 3 से 4 करोड़ रूपये खर्च करने पड़ते है। फिलहाल बीएसएल में एक सुरक्षित लैंडफिल पिट है। एक और बनाया जा रहा है। इसमें जमीन भी बहुत बर्बाद होती है। अब इसके इस्तेमाल से यह सारे खर्च बच जायेंगे।
कोक ओवन से निकलते है कई बाई-प्रोडक्ट
बताया जाता है कि कोक ओवन में 80 % इम्पोर्टेड और 20 % देशी कोयले को मिश्रित कर कोक बनाया जाता है। इस प्रक्रिया में सात-आठ तरह के बाई-प्रोडक्ट निकलते है। जिसको पहले कचरा समझा जाता था। पर अब इनमे से अधिकतर चीज़ो को जैसे नेप्थलीन, क्रूड बेंजॉल, कोक ओवन गैस आदि का दुबारा इस्तेमाल होता है या बेच दिया जाता था। इसमें से टार डिकैन्टर स्लज ही ऐसा आइटम था जो फ़ेंक दिया जाता था, पर अब इसका पुनः इस्तेमाल हो रहा है।
बीएसएल को सालाना इतने करोड़ की होगी बचत
बीएसएल के प्रवक्ता, मणिकांत धान की माने तो टार के इस्तेमाल से बीएसएल को सालाना लगभग 5.67 करोड़ रुपये बचत होने की संभावना है, साथ ही यह प्रयास पर्यावरण की दृष्टि से भी अनुकूल है। 22 जुलाई को बोकारो स्टील प्लांट के कोक ओवन में डिकैन्टर टार स्लज के मिक्सिंग स्टेशन का उद्घाटन अधिशासी निदेशक(संकार्य) बी के तिवारी द्वारा किया गया। साथ में बीएसएल के एनवायरनमेंट कण्ट्रोल डिपार्टमेंट के जनरल मैनेजर, नविन श्रीवास्तव और अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। यह एक ऐतिहासिक पहल है।
इन दो अधिकारियों का आईडिया काम कर गया-
टार डिकैन्टर स्लज के गुणों को ध्यान में रखते हुए मुख्य महाप्रबंधक(कोक ओवन) राकेश कुमार एवं सहायक महाप्रबंधक (कोक ओवन) आर एन प्रधान ने एक आईडिया पर काम किया और उनकी क्रिएटिविटी रंग लाई।
उन्होंने कम लागत के साथ उच्च मूल्य के उत्पाद बनाने के लिए फीडस्टॉक के रूप में कोक ओवन बैटरी से चार्ज किए गए कोल के लिए टार डिकैन्टर स्लज (टीडीएस) का उपयोग किया। इस योजना के तहत आवश्यक बुनियादी ढांचा तथा अन्य उपकरण आंतरिक संसाधनों से विकसित किया गया।
अब ब्लेंडेड कोल का बेड बनाने के बाद जेसीबी/पे लोडर की सहायता से ब्लेंडेड कोल के साथ स्लज को मिश्रित किया जाता है और इसके बाद इस सूखे मिश्रण को इन-हाउस विकसित कन्वेयर बेल्ट के माध्यम से कोल हैंडलिंग प्लांट के फीडिंग सर्किट में स्थानांतरित किया जाता है।
Nothing new. Was being done in BSL earlier in mechanized system, had been discontinued by BSL