सरकारी स्वामित्व वाली प्रमुख इस्पात निर्माता कंपनी स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) ने चालू वित्त वर्ष में 7,500 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय करने की योजना बनाई है। यह निवेश पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक होगा। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह राशि मुख्य रूप से संयंत्रों की क्षमता बढ़ाने में खर्च की जाएगी।
देश की सबसे बड़ी सार्वजनिक इस्पात कंपनी, सेल, 2030 तक अपने पाँच प्रमुख एकीकृत संयंत्रों—ओडिशा के राउरकेला, झारखंड के बोकारो, छत्तीसगढ़ के भिलाई, पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर और इस्को—की संयुक्त उत्पादन क्षमता को 20 मिलियन टन से बढ़ाकर 35 मिलियन टन करने के लक्ष्य पर काम कर रही है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर कुल 1 लाख करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने विस्तार योजना की जानकारी देते हुए बताया कि पश्चिम बंगाल स्थित इस्को इस्पात संयंत्र में 4.5 मिलियन टन प्रति वर्ष क्षमता विस्तार के लिए निविदा प्रक्रिया जारी है, जहाँ वर्तमान क्षमता 2.5 मिलियन टन है।
दुर्गापुर संयंत्र में ब्राउनफील्ड विस्तार के तहत उत्पादन को 2.2 मिलियन टन से बढ़ाकर 3.09 मिलियन टन प्रति वर्ष किया जाएगा। इसके साथ ही एक ग्रीनफील्ड विस्तार की भी योजना है। भिलाई, बोकारो और राउरकेला संयंत्रों में भी विस्तार योजनाओं पर काम प्रगति पर है। सेल का यह रणनीतिक निवेश भारत को आत्मनिर्भर इस्पात उत्पादन के रास्ते पर तेजी से ले जा रहा है।