देश की प्रमुख सार्वजनिक इस्पात कंपनी स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) ने वित्तीय अनुशासन और बेहतर प्रदर्शन की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान करीब 750 करोड़ रुपये का कर्ज कम किया है। अब SAIL का कुल कर्ज घटकर ₹26,800 करोड़ रह गया है। कंपनी के निदेशक (वित्त) अशोक कुमार पांडा ने जानकारी दी कि चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 में भी कर्ज में और कमी लाने की योजना पर काम हो रहा है।
महीने-दर-महीने कर्ज में कटौती का लक्ष्य
SAIL अब मासिक आधार पर कर्ज घटाने की रणनीति पर आगे बढ़ रहा है। अशोक कुमार पांडा ने कहा कि कंपनी इस दिशा में दोहरी रणनीति अपना रही है — पहली, लाभ में वृद्धि के ज़रिए आंतरिक स्रोतों से पूंजी जुटाना, और दूसरी, अन्य वित्तीय साधनों के माध्यम से पूंजी की व्यवस्था करना। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कंपनी का डेब्ट-टू-इक्विटी अनुपात संतुलित है, जिससे भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकेगा।
2025-26 में ₹7,500 करोड़ का पूंजीगत व्यय
SAIL ने आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए ₹7,500 करोड़ का कैपेक्स (Capex) बजट तय किया है। कंपनी अपने संयंत्रों के आधुनिकीकरण और विस्तार की दिशा में तेज़ी से कार्य कर रही है। पांडा ने बताया कि IISCO स्टील प्लांट (ISP) में पहले से टेंडरिंग की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और अन्य संयंत्रों में भी यह प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी।
2030 तक 35 MTPA उत्पादन क्षमता का लक्ष्य
SAIL ने अपने दीर्घकालिक लक्ष्य के तहत 2030 तक अपनी उत्पादन क्षमता को वर्तमान 20 मिलियन टन प्रति वर्ष (MTPA) से बढ़ाकर 35 MTPA करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया है। यह योजना विभिन्न यूनिटों में चरणबद्ध तरीके से लागू की जा रही है।
लाभ और राजस्व में सुधार
SAIL ने मार्च 2025 तिमाही में शानदार प्रदर्शन करते हुए ₹1,250.98 करोड़ का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो पिछले साल की समान अवधि में ₹1,125.68 करोड़ था। कंपनी का राजस्व भी बढ़कर ₹29,316.14 करोड़ हो गया, जो पिछले साल ₹27,958.52 करोड़ था।