Bokaro: सेल बोर्ड की लेखा परीक्षा समिति (एसीएसबी) के निर्देशों के अनुसार आंतरिक नियंत्रण उपायों को मजबूत करने के लिए सेल ने जोखिम आधारित लेखा परीक्षा (रिस्क बेस्ड ऑडिट) को अपनाकर एक गतिशील कदम उठाया है. इस दिशा में सेल की सभी इकाइयों के आंतरिक लेखा परीक्षा (इंटरनल ऑडिट) विभाग के लिए सेल, कॉर्पोरेट आंतरिक लेखा परीक्षा द्वारा एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस दो दिवसीय इंटरैक्टिव कार्यशाला में सेल के पच्चीस इंटरनल ऑडिट अधिकारी शामिल हुए.
अपने संबोधन में पी के नायक, सीजीएम (आईए), बीएसएल ने उपस्थित सभी वरीय अधिकारियों का स्वागत किया. एस के पॉल, सीजीएम इंचार्ज (आईए) ने व्यवसाय के वर्तमान परिदृश्य में आंतरिक लेखापरीक्षा के कार्य और आवश्यकता का समग्र दृष्टिकोण प्रस्तुत किया. उन्होंने बताया कि वर्तमान में इंटरनल ऑडिट की भूमिका बदल गई है और यह प्रबंधन के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में योगदान कर रही है.
उपस्थित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी कार्यशाला में अपने विचार रखे. कार्यशाला के दौरान, सेल के सभी इस्पात संयंत्रों के आंतरिक लेखा परीक्षा विभाग ने अपने संयंत्र से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण लेखापरीक्षा निष्कर्ष प्रस्तुत किए और उनके द्वारा अपनाई गई लेखापरीक्षा प्रथाओं को साझा किया.
एस.के. पॉल, सीजीएम इंचार्ज (आईए) ने जोखिम, नियंत्रण और गवर्नेंस पर लेखा परीक्षकों की भूमिका पर व्याख्यान दिया. उन्होंने जोखिम की पहचान करने के तरीकों और पहचाने गए जोखिम को कम करने के तरीकों के बारे में बताया ताकि संगठन के उद्देश्य को प्राप्त किया जा सके.
बी बनर्जी, मुख्य महाप्रबंधक (आईए), कॉर्पोरेट कार्यालय ने “ऑडिट यूनिवर्स की रूपरेखा तथा तकनीकी और सेवा लेखा परीक्षा के विशेष संदर्भ के साथ वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए जोखिम आधारित दृष्टिकोण की योजना” पर एक सत्र लिया. पी.के नायक, मुख्य महाप्रबंधक (आईए), बीएसएल ने “तकनीकी लेखापरीक्षा क्षेत्र” पर एक सत्र लिया.
कार्यशाला का समापन रिस्क बेस्ड ऑडिट के लिए रोड मैप बना कर आगे बढ़ने के साझा प्रयास के संकल्प के साथ हुआ