Bokaro: नवीन सोच के साथ बीएसएल कर्मी लागत में कमी के लिए निरंतर सुधार करने को प्रयासरत है। इसी क्रम में ल्यूब्रिकेशन सेल के कर्मियों ने लुब्रिकेशन सेल-सेंट्रल ग्रीस चार्जिंग स्टेशन (सीजीसीएस) में पुराने पड़े हुए विभिन्न ग्रेड के 66 नॉन-मूविंग ग्रीस बैरल को चिन्हित कर उनका उपयोग हॉट स्ट्रिप मिल में किया है। जिससे लगभग 16 लाख रुपये की बचत हुई है।
इस परियोजना को संपूरित करने वाली टीम में शामिल प्रबंधक(एमएम-स्टोर्स) शंभू नाथ, उप प्रबंधक(ल्यूब्रिकेशन सेल) जी स्नेहा राजू, मल्टी स्किल्ड ऑपरेटर(ल्यूब्रिकेशन सेल) जे मोदी, ऑपरेटर/तकनीशियन(ल्यूब्रिकेशन सेल) डी तिर्की तथा एसओटी(ल्यूब्रिकेशन सेल) जे मिश्रा ने एक कार्य योजना बनाकर सीलबंद बैरलों का संयुक्त रूप से निरीक्षण किया।
इन ग्रीस ग्रेडों को 1:4 के अनुपात में लिथियम कॉम्प्लेक्स ग्रीस लिकॉम 2 के साथ मिश्रित करके उपयोग करने का निर्णय लिया। जिसे एचएसएम सिस्टम में पंप किया जाता है। विजुअल इंस्पेक्शन के उपरान्त इन ग्रीस बैरल को लिथियम कॉम्प्लेक्स ग्रीस के साथ हॉट स्ट्रिप मिल में केंद्रीकृत पंपिंग के लिए सेंट्रल ग्रीस चार्जिंग स्टेशन पर भेजा गया। जहां प्रारंभिक पंपिंग प्रयोगात्मक आधार पर सफल साबित हुई।
तत्पश्चात 66 बैरल (12,012 किलोग्राम ग्रीस) को बिना किसी समस्या के सफलतापूर्वक हॉट स्ट्रिप मिल में पंप किया गया इन ग्रीस ग्रेडों को पंप करने से हॉट स्ट्रिप मिल में लिथियम कॉम्प्लेक्स ग्रीस की खपत कम हुई। यह सब मुख्य महाप्रबंधक(यांत्रिकी) वी के सिंह तथा महाप्रबंधक(सीटीएस) ए एस नायक के मार्गदर्शन में हुआ।
Sneha di and team we are proud of you…..and Congratulations
Best wishes for future