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विधानसभा में श्वेता सिंह का बड़ा सवाल- झारखंड सरकार कब देगी बोकारो को STPI का तोहफा ?


बोकारो में प्रस्तावित सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ इंडिया (STPI) परियोजना, जिसे झारखंड इंडस्ट्रियल एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (JIADA) ने लगभग आठ साल पहले भूमि आवंटित की थी, अब तक अधर में लटकी हुई है। यह परियोजना झारखंड के औद्योगिक और तकनीकी विकास के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है, जिससे 3,000 से अधिक युवाओं को रोजगार मिलने की संभावना है। बोकारो विधायक श्वेता सिंह ने झारखंड विधानसभा में इस मुद्दे को उठाते हुए सरकार से शीघ्र कार्रवाई की मांग की। विधानसभा में बोकारो विधायक श्वेता सिंह ने उठाया मुद्दा
मंगलवार को झारखंड विधानसभा के शून्यकाल के दौरान, बोकारो की विधायक श्वेता सिंह ने इस महत्वपूर्ण मुद्दे को उठाते हुए सरकार से शीघ्र कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि यह परियोजना वर्षों से लंबित पड़ी है और सरकार को इसे प्राथमिकता के आधार पर पूरा करना चाहिए।

पूर्व मंत्री समरेश सिंह के योगदान को किया याद- Video…

विधानसभा सत्र के दौरान, विधायक श्वेता सिंह ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र महतो को संबोधित करते हुए इस परियोजना की महत्ता पर जोर दिया। उन्होंने अपने दिवंगत ससुर, पूर्व राज्य मंत्री एवं विधायक समरेश सिंह के योगदान को याद किया, जिन्होंने झारखंड में औद्योगिक और तकनीकी विकास को गति देने में अहम भूमिका निभाई थी।

बोकारो के विकास और रोजगार सृजन के लिए अहम परियोजना
श्वेता सिंह ने कहा कि बोकारो जैसे औद्योगिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र में सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क का निर्माण स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा। उन्होंने इस परियोजना को झारखंड के आर्थिक विकास से जोड़ते हुए कहा कि इससे राज्य की औद्योगिक पहचान को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूती मिलेगी।

कोविड-19 महामारी के कारण रुकी परियोजना
सूत्रों के अनुसार, परियोजना में देरी का सबसे बड़ा कारण राज्य सरकार द्वारा आवश्यक वित्तीय सहायता का अभाव है। विशेष रूप से, कोविड-19 महामारी के दौरान इस परियोजना को आवश्यक फंडिंग नहीं मिल सकी, जिससे निर्माण कार्य ठप पड़ गया। इस परियोजना के लिए 55,000 वर्ग फुट का भवन तैयार किया जाना था, लेकिन अब तक इसका निर्माण शुरू नहीं हो पाया है।

2013 में हुई थी परियोजना की शुरुआत
STPI ने 2013 में बोकारो को एक संभावित औद्योगिक केंद्र के रूप में चिह्नित किया था। यह क्षेत्र इस्पात, सीमेंट, कोयला, बिजली और गैस जैसे प्रमुख उद्योगों का केंद्र है। 2017 में, लंबे समय की खोज के बाद, JIADA क्षेत्र में NH-23 के पास 1.45 एकड़ भूमि इस परियोजना के लिए आवंटित की गई थी। लेकिन, राज्य सरकार द्वारा निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किए जाने के कारण परियोजना ठप हो गई।

झारखंड में पांचवां STPI केंद्र होगा बोकारो में
अगर यह परियोजना पूरी होती है, तो बोकारो झारखंड का पांचवां STPI केंद्र होगा। वर्तमान में रांची, धनबाद और देवघर में STPI केंद्र कार्यरत हैं, जबकि जमशेदपुर में एक नया केंद्र जल्द ही शुरू होने वाला है। 2017 में बोकारो का STPI केंद्र करीब 30 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया जाना था और इससे 25 से अधिक बहुराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय कंपनियों का निवेश आकर्षित होने की संभावना थी।

तीन हजार से अधिक युवाओं को मिलेगा रोजगार
STPI बोकारो केंद्र के निर्माण से सीधे तौर पर 3,000 से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है, जबकि अप्रत्यक्ष रूप से इससे कई अन्य रोजगार अवसर सृजित होंगे। यह पार्क सॉफ्टवेयर कंपनियों, बीपीओ और कॉल सेंटरों के लिए एक मजबूत मंच प्रदान करेगा, जिससे बोकारो को एक उभरते आईटी हब के रूप में पहचान मिलेगी।

परियोजना पूरी होने में हो रही अनावश्यक देरी
STPI अधिकारियों के अनुसार, इस परियोजना को 18 महीनों के भीतर पूरा करने की योजना थी, लेकिन विभिन्न अड़चनों के चलते अब तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। विधायक श्वेता सिंह ने सरकार से त्वरित कार्रवाई करने और इस महत्वपूर्ण परियोजना को शीघ्र पूरा करने की अपील की है ताकि बोकारो को औद्योगिक और तकनीकी क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जा सके।

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