Bokaro Steel Plant (SAIL) Hindi News

पर्यावरण और बचत के लिए, चिमनी से निकलने वाले धुंए को भी निचोड़ ले रहा है SAIL-BSL


Bokaro: बाजार में कोयले की कीमतों का सबसे अधिक प्रभाव स्टील और पावर प्लांट को पड़ता है। कोयले के बढ़ते-घटते मूल्य से स्टील और बिजली की उत्पादन लागत जुड़ी रहती है। फिलहाल कोयले की कीमत आसमान छू रही है। साथ ही कोयले के इस्तेमाल से वातावरण भी दूषित होता है जिसपर विश्व पटल पर चर्चा भी हो रही है। इन सब चुनौतियों को झेलते हुए सेल का बोकारो इस्पात संयंत्र (BSL) कुछ अलग सोच पर काम कर रहा है।

बीएसएल ने एक कदम आगे बढ़कर कोयले पर अपनी निर्भरता को कम करने का कार्य किया है। प्लांट के अंदर चिमनी से निकलते धुंए, गैस और आग की लपटों का इस्तेमाल बीएसएल कोयले के विकल्प के रूप में कर रहा है। पहले पर्यावरण में घुलने वाले चिमनी के निकलते गैस और लपटे अब उत्पादन में इस्तेमाल हो रही है। बीएसएल ने इसके लिए एसएमएस-2 में कन्वर्टर गैस होल्डर स्थापित किया है।

चिमनी से निकलने वाले एलडी गैस को पहले कन्वर्टर होल्डर में संग्रहित किया जा रहा है। फिर 1.65 किलोमीटर लम्बी पाइपलाइन के जरिये बीपीएससीएल पावर प्लांट में भेजा जा रहा है. इस एलडी गैस का इस्तेमाल कोयले के विकल्प में बिजली उत्पादन में किया जा रहा है। कुछ महीनो पूर्व शुरू हुई यह योजना अब पुरे शक्ति के साथ संचालित की जा रही है। इससे न सिर्फ उत्पादन लागत में कमी आ रही है, बल्कि पर्यावरण में होने वाले CO2 इमीशन भी कम हो रहा है।

बीएसएल के प्रवक्ता, मणिकांत धान के अनुसार पाइपलाइन के जरिये भेजी जा रही एलडी गैस के इस्तेमाल से बिजली उत्पादन में उपयोग हो रहे लगभग 200 टन कोयले की बचत प्रतिदिन हो रही है। एसएमएस-2 में बनाये गए कन्वर्टर गैस होल्डर की छमता 80,000 मीटर क्यूब है। बीएसएल से पाइपलाइन के जरिये बीपीएससीएल पावर प्लांट को लगभग 4 लाख क्यूबिक मीटर एलडी गैस प्रतिदिन सप्लाई की जा रही है। पहले चरण में अगस्त में सिर्फ एक शिफ्ट में एलडी गैस भेजी जाती थी, जो अब नवंबर में तीनो शिफ्ट में भेजी जा रही है।

बीपीएससीएल पावर प्लांट के आधुनिक बायलर-9 में कोयले के साथ-साथ एलडी गैस का इस्तेमाल भी बिजली उत्पादन में किया जा रहा है। गैस के इस्तमाल से पावर प्रोडक्शन में फ्लाई ऐश का उत्सर्जन भी कम हो रहा है। बीएसएल प्रबंधन इस प्रोजेक्ट के विस्तार पर भी काम कर रहा है। इस प्रोजेक्ट को जमीन में उतरने में डायरेक्टर इंचार्ज अमरेंदु प्रकाश, ईडी वर्क्स अतनु भौमिक, एनर्जी मैनेजमेंट डिपार्टमेंट के सीजीएम प्रदीप कुमार बैसाखिया, जीएम, बिनोद कुमार, हेड ऑफ़ इनविरोन्मेंट कण्ट्रोल डिपार्टमेंट के हेड, नवीन प्रकाश और अन्य बीएसएल-बीपीएसएल के अधिकारियो का महत्वपूर्ण योगदान है।


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