Bokaro: बोकारो स्टील लिमिटेड (BSL) प्रबंधन लगातार क्रूड स्टील और सेलेबल स्टील उत्पादन के लक्ष्यों और उपलब्धियों पर चर्चा करता है। इन उपलब्धियों को लेकर बोकारो की जनता गर्व महसूस करती है। मगर सवाल यह है कि क्या कभी टाउन एडमिनिस्ट्रेशन (TA) डिपार्टमेंट की उपलब्धियों और कमियों पर चर्चा हुई है ? यह सवाल अब आम नागरिकों के साथ-साथ संयंत्र के भीतर काम कर रहे कुछ बीएसएल कर्मचारी भी उठा रहे हैं।
राजस्व तक सीमित नहीं जिम्मेदारी
टाउन प्रशासन केवल राजस्व संग्रहण तक सीमित नहीं है। इसके अंतर्गत जमीन प्रबंधन, अतिक्रमण रोकथाम और लाइसेंसिंग जैसे महत्वपूर्ण कार्य भी शामिल हैं। सिविल, हॉर्टिकल्चर, बिजली, पानी आदि आमजन से सीधे जुड़े कार्य भी इसी विभाग के अंदर आते है। फिर भी, इन क्षेत्रों में शिकायतें लगातार सामने आ रही हैं। बीएसएल प्रबंधन के शीर्ष पद पर पहुंचने वाले अपनी निगाहे अधिकतर प्लांट के अंदर रखते है, प्लांट के बाहर सेल की संपत्ति की देखरेख उनकी प्राथमिकता में नहीं रहती। जिसका खामियाजा आज पूरा शहर भुगत रहा है।

अवैध कब्जा

बीएसएल की जमीन पर खुलेआम अवैध कब्जा हो रहा है। आश्चर्य यह है कि यह सब शीर्ष अधिकारियों की नजरों के सामने घटित हो रहा है। उदाहरण : KMV प्रोजेक्ट कंपनी को लाइसेंस देने में बीएसएल प्रशासन ने करीब 9 महीने की देरी की। इस बीच कंपनी ने मेडिकल कॉलेज के पास अवैध लेबर कैंप बना लिया। मामला तब सामने आया जब मीडिया ने रिपोर्ट प्रकाशित की। ऐसी कई घटनाओ ने नगर प्रशासन की जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
गुमटी अतिक्रमण और प्रशासनिक कमजोरी
लोगों का कहना है कि जब भी गुमटी हटाई जाती है, तो वह कुछ दिनों के भीतर फिर से खड़ी हो जाती है। यह प्रशासनिक नीतियों और कार्यान्वयन की कमजोरी को उजागर करता है। और लोगो को मामला सेट है कहने पर मजबूर करता है। पिछले दो सालों में अतिक्रमण का ग्राफ बोकारो टाउनशिप में तेजी से बढ़ा है। बिजली और पानी चोरी चरम पर है। पानी चोरी की स्तिथि पिछले एक साल में और भी भयावह हो गई है। सवाल यह भी उठता है कि तिमाही आधार पर अतिक्रमण की दर क्यों नहीं दर्ज की जाती।
कारोबारियों का पलायन
बोकारो सेक्टर क्षेत्र से कई कारोबारी अपने आउटलेट चास और अन्य जिलों में शिफ्ट कर रहे हैं। कारण है टाउन एडमिनिस्ट्रेशन की नीतियों पर अविश्वास और अव्यवस्था। उधर टाउनशिप में एक साल पहले बनी सड़को की हालत खस्ता हो गई है। जनता खुलकर सिविल विभाग को कोस रही है।
सेल की संपत्तियों पर बढ़ता अतिक्रमण
स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) की 2024-25 की वार्षिक अंकेक्षण रिपोर्ट ने गंभीर खुलासा किया है। रिपोर्ट के अनुसार बोकारो, दुर्गापुर, बर्नपुर, राउरकेला और भिलाई समेत अन्य यूनिटों में 6,967 आवासों और 5,030 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा हो चुका है। इनमें सबसे गंभीर स्थिति बोकारो की है।
एक साल में 431 मकानों और 134 एकड़ जमीन पर कब्जा
रिपोर्ट में बताया गया है कि केवल एक वर्ष में 431 नए आवास और 134 एकड़ अतिरिक्त जमीन अतिक्रमणकारियों के कब्जे में चली गई। अतिक्रमणकारी संगठित ढंग से न केवल मकान और जमीन पर रह रहे हैं, बल्कि उन्हें किराए पर देकर मोटा मुनाफा भी कमा रहे हैं।
कंपनी को करोड़ों का नुकसान
अतिक्रमणकारी पानी और बिजली की चोरी कर रहे हैं, जिससे कंपनी को करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि अतिक्रमण हटाने की ठोस रणनीति नहीं बनाई गई, तो कंपनी अपनी औद्योगिक और आवासीय भूमि पर अधिकार खो सकती है।
