Bokaro Steel Plant (SAIL) Hindi News

SAIL के बोकारो स्टील प्लांट में हो रही घातक दुर्घटनाओं का मामला संसद में गूंजा, इस्पात राज्य मंत्री ने दिया जवाब


Bokaro: स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) के बोकारो स्टील प्लांट (BSL) में हो रही दुर्घटनाएं चिंता का विषय बनती जा रही है। करीब 15,000 एकड़ में फैले साढ़े चार मिलियन टन (4.5 MTPA) क्षमता वाले बीएसएल (BSL) प्लांट में छोटी-मोटी दुर्घटनाएं तो आम है, पर बड़ी दुर्घटनाएं जिसमे कर्मी घायल हो रहे है या उनकी मौत हो रही है उसको लेकर आवाज़ उठने लगी है।

झारखंड से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू ने बोकारो स्टील प्लांट (BSL) में बढ़ते हादसों को लेकर संसद में सवाल उठाया है। केंद्रीय इस्पात राज्य मंत्री, फग्गन सिंह कुलस्ते (Minister of State for Steel, Faggan Singh Kulaste) ने सोमवार को इसका जवाब देते हुए कहा कि बीएसएल प्लांट में वर्ष 2017 से नवंबर 2022 तक कुल 12 घातक दुर्घटनाएं हुईं है। सामान्य दुर्घटनाओं की 17 घटनाएं हुईं।

इस वर्ष अब तक हो चुकी है 3 घातक दुर्घटनाएं-
इस्पात राज्य मंत्री ने बताया कि पिछले पांच वर्षों में वर्ष 2021 में सर्वाधिक चार घातक दुर्घटनाएं हुई हैं, जबकि चालू वर्ष में अब तक तीन घातक दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। इसकी रोकथाम को लेकर बीएसएल प्रबंधन गंभीर है। सुरक्षा जागरूकता बढ़ाने के लिए नियमित प्रशिक्षण आयोजित किया जा रहा है।

कुलस्ते ने जवाब देते हुए कहा कि सुरक्षा प्रबंधन के लिए सलाहकार (consultant) नियुक्ति किया गया है। दुर्घटनाओं के सभी मामलों की जांच, विश्लेषण और समीक्षा की जा रही है। दूसरी ओर, कंपनी के प्रावधानों के अनुसार, दुर्घटना के शिकार स्थायी कर्मचारियों और ठेका श्रमिकों को वित्तीय सहायता और रोजगार दिया जाता है।

किसको रिपोर्ट करने योग्य दुर्घटना मानता है BSL-
बीएसएल (BSL) के अनुसार रिपोर्ट करने योग्य संयंत्र दुर्घटनाएं वे हैं, जिनमें शरीर को चोट लगती है। और उस कारण से घायल व्यक्ति को दुर्घटना के तुरंत बाद अड़तालीस घंटे या उससे अधिक की अवधि के लिए काम करने से रोका जाता है।

मृत कर्मचारी के परिवार को इतना मिला मुआवजा –
बोकारो इस्पात संयंत्र के मृत कर्मचारी के परिवार हेतु घातक दुर्घटनाओं के मामले में, कर्मचारी प्रतिकर अधिनियम के अनुसार लगभग 44,97,000 / – रूपये का प्रतिकर दिया गया है। कर्मचारी के मामले में उपार्जन क्षमता की क्षति के लिए लगभग 1,46,000 / – रूपये का प्रतिकर दिया गया है । संविदागत श्रमिकों के मामले में स्वीकार्य प्रतिकर लाभ कर्मचारी राज्य बीमा निगम ( ईएसआईसी ) द्वारा दिया जाता है।

उन्होंने बताया कि- हालांकि यह एक वैधानिक दायित्व नहीं है , तथापि नियोजन से और उसके अनुक्रम में हुई दुर्घटना के कारण कर्मचारियों की मृत्यु या स्थायी पूर्ण निःशक्तता के मामले में पात्र आश्रितों में से एक को अनुकंपा के आधार पर नियोजन दिया जा रहा है। कार्य परिसर के भीतर नियोजन से और उसके अनुक्रम में हुई दुर्घटना के कारण सविदांगत श्रमिक ( परियोजना कार्य के लिए लगे श्रमिकों सहित ) की मृत्यु के मामले में उसके पात्र आश्रितों में से एक को नियोजन दिया जा रहा है।

औघोगिक दुर्घटनाओं के रोकथाम के लिए SAIL -BSL द्वारा किये जा रहे प्रमुख उपाय-
सेल सुरक्षा दिशानिर्देशों, मानक संचालन प्रक्रियाओं (SOP), मानक रखरखाव प्रक्रियाओं (SMP) इत्यादि को तैयार करना और अनुपालन कर रहा है। दुर्घटनाओं के सभी मामलो की जाँच, विश्लेषण और समीक्षा की जा रही है। घातक दुर्घटनाओं के विवरण को शामिल करते हुए औद्योगिक दुर्घटनाओं का विवरण सेल सुरक्षा संगठन (SSO) द्वारा तैयार मासिक रिपोर्ट और वार्षिक रिपोर्ट में प्रकाशित किया जाता है। SSO और सेल की जानकारी के लिए और उनकी पुनरावृत्ति को रोकने के लिए सभी संयंत्रों और इकाइयों के साथ साझा किया जाता है।

BSL के कोक ओवन में हुआ जोरदार प्रदर्शन

15 अक्टूबर को बीएसएल प्लांट के कोक ओवन विभाग में दुर्घटना के शिकार हुए ठेका मजदूर नंद कुमार के परिजनों को नौकरी के मुआवजे की मांग को लेकर क्रांतिकारी इस्पात मजदूर संघ (एचएमएस) के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने बीएसएल प्लांट में सोमवार को जोरदार प्रदर्शन किया। एचएमएस ने कोक ओवन में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है।

प्लांट के कोक ओवन के मुख्य द्वार के पास एक विशाल रैली का आयोजन किया गया। घटना की सूचना भी सहायक श्रम आयुक्त (मध्य) धनबाद को दी गई है। जिसपर कमिटी बिठा दी गई है। रिपोर्ट का इंतज़ार है।

एचएमएस के महासचिव राजेंद्र सिंह ने बताया कि घटना 15 अक्टूबर की रात 9:45 बजे कोक ओवन के बैटरी नंबर 2 में हुई। मृतक ठेका मजदूर काम करते समय फिसल कर गिर गया, जिसके बाद उसकी पीठ पूरी तरह से जल गया। हादसे के बाद उन्हें बोकारो जनरल अस्पताल लाया गया, जहां इलाज के दौरान ढाई घंटे के अंदर ही उनकी मौत हो गई। लेकिन बीजीएच के डॉक्टरों ने दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत का कारण बताया।

एसएमएस ने उस समय भी प्रबंधन को यह समझाने का प्रयास किया कि यदि मृतक को दिल का दौरा पड़ा था तो उसे चोटें कैसे लगीं। लेकिन प्रबंधन मानने को तैयार नहीं हुआ और हार्ट अटैक की बात पर अड़ा रहा। राजेंद्र सिंह ने कहा, “20 अक्टूबर 2022 को मृतक का पोस्टमार्टम कराया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने साबित कर दिया कि मृतक को गंभीर र्बन इन्जुरी थी।”

नाराज मजदूरों ने 16 अक्टूबर 2022 को कोक ओवन का उत्पादन बंद कर दिया था। करीब 3 घंटे बंद रहने के बाद प्रबंधन ने मजदूरों के सामने हमें आश्वासन दिया था कि अगर पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में जलने की बात कही गई है तो नियमानुसार हम मृतक के आश्रित को प्लांट में स्थाई रोजगार देंगे। लेकिन अब तक कुछ नहीं किया गया।

 

 


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