Bokaro: जिले के ग्रामीण क्षेत्र अब आर्चरी के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना रहे हैं। गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी ने कहा कि दीपक कर्मकार मेमोरियल झारखंड बिरसा मुंडा कप के समापन समारोह में यह प्रतियोगिता ग्रामीण प्रतिभाओं को आगे बढ़ने का अवसर देती है। सांसद ने कहा कि इस तरह की राज्यस्तरीय प्रतियोगिताओं का आयोजन ग्रामीण क्षेत्रों में खेल संस्कृति को मजबूत करता है और बच्चों को करियर बनाने का प्रोत्साहन देता है।
स्थानीय अकादमी से प्रशिक्षण की नई पहल
विशिष्ट अतिथि और गोमिया के पूर्व विधायक डॉ. लंबोदर महतो ने बताया कि कसमार प्रखंड में बिरसा बिनोद दिव्यांग तीरंदाजी अकादमी के माध्यम से नियमित प्रशिक्षण जल्द शुरू होगा। इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों की छिपी प्रतिभाओं को मंच देना और उन्हें आर्चरी में करियर बनाने का अवसर प्रदान करना है। उन्होंने प्रतिभागियों को हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया।

प्रतिभा और भावनात्मक श्रद्धांजलि
इस प्रतियोगिता में बालिका वर्ग में लवली कुमारी और बालक वर्ग में चंद्रमोहन सोरेन ने गोल्ड मेडल जीता। सभी विजेताओं को मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि ने ट्रॉफी, चेक और धनुष सेट देकर सम्मानित किया। इस दौरान दिवंगत राष्ट्रीय तीरंदाज दीपक कर्मकार के परिवार के सदस्य भावुक हो उठे और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कोचों का मार्गदर्शन

प्रतियोगिता में कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कोच मौजूद थे, जिन्होंने प्रतिभागियों को तकनीकी सुझाव और प्रेरणा दी। इससे स्पष्ट है कि ग्रामीण क्षेत्रों में खेल प्रतिभाओं को विकसित करने के लिए समर्पित संरचना और मार्गदर्शन उपलब्ध है। दीपक कर्मकार मेमोरियल प्रतियोगिता ने न केवल ग्रामीण प्रतिभाओं को मंच दिया, बल्कि यह दिखाया कि बोकारो के गांवों से भी राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी तैयार हो सकते हैं।
