Bokaro : राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर नया मोड़ स्थित वेस्टन फॉर्म सभागार में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उपायुक्त अजय नाथ झा ने कहा कि प्रेस क्लब पत्रकारों की सामूहिक शक्ति और उनकी आवाज़ का मंच है, इसलिए अब इसके निर्माण कार्य को तेज़ी से आगे बढ़ाना बेहद आवश्यक है। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन की इच्छा थी कि 15 नवंबर को ही बोकारो प्रेस क्लब का शिलान्यास हो जाए, लेकिन कुछ तकनीकी कारणों से यह संभव नहीं हो पाया। उन्होंने आश्वासन दिया कि शिलान्यास कार्यक्रम जल्द आयोजित किया जाएगा और इसके लिए फंड की पूरी व्यवस्था की जाएगी। उल्लेखनीय है कि प्रेस क्लब के निर्माण हेतु बोकारो एयरपोर्ट गेट के ठीक सामने की जमीन पहले से आवंटित है।
मीडिया की एकता को बताया सबसे बड़ी ताकत
डीसी बोकारो ने कहा कि प्रेस क्लब में अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष का चयन हर साल लोकतांत्रिक तरीके से हो, ताकि पारदर्शिता और एकता बनी रहे। उन्होंने याद दिलाया कि जब रांची में इस व्यवस्था की शुरुआत हुई थी, तब कई चुनौतियाँ थीं, लेकिन आज वहाँ प्रेस क्लब बेहद सफल है। उन्होंने बताया कि पूरे राज्य में प्रेस क्लबों के लिए आर्थिक स्वीकृति भेजी गई थी, लेकिन बोकारो में अभी तक निर्माण शुरू नहीं हो सका, यह दुखद है। विश्वास जताया गया कि अगले वर्ष यह वार्षिक समारोह नए प्रेस क्लब भवन में आयोजित किया जाएगा।

जरूरतमंद पत्रकारों के लिए सहायक बनेगा प्रेस क्लब
उपायुक्त ने कहा कि प्रेस क्लब केवल एक भवन नहीं, बल्कि एक ऐसी संस्था होगी जो आर्थिक रूप से कमजोर या किसी समस्या से जूझ रहे पत्रकारों की मदद कर सकेगी—चाहे वह इंश्योरेंस की दिक्कत हो या कोई और संकट। इसके लिए क्लब के कोष से सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
एड-हॉक कमेटी बनाने पर सहमति
उपायुक्त अजय नाथ झा ने सुझाव दिया कि एक एड-हॉक कमेटी बनाई जाए, जैसे स्वतंत्र भारत के शुरुआती दौर में प्रशासनिक ढांचा तैयार किया गया था। यह कमेटी प्रेस क्लब के निर्माण, बायलॉस और संरचना का मसौदा तैयार करेगी। डीपीआरओ को इसका प्रारूप पढ़ने और आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
मीडिया को अपनी विश्वसनीयता को बरकरार रखने के लिए खुद से विश्लेषण करने की जरूरत है- डीसी, बोकारो…
राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, बोकारो की ओर से नया मोड़ स्थित वेस्टन फॉर्म के सभागार में ” बढ़ती भ्रामक सूचनाओं के बीच प्रेस की विश्वसनीयता का संरक्षण ” विषय पर संगोष्ठी एक परिचर्चा कार्यक्रम आयोजित की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता उपायुक्त श्री अजय नाथ झा ने की। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि उपायुक्त श्री अजय नाथ झा द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। तत्पश्चात जिला जनसंपर्क पदाधिकारी श्री रवि कुमार द्वारा संगोष्ठी से संबंधित स्वागत संबोधन किया। उन्होंने कहा कि डिजिटल युग में गलत व भ्रामक सूचनाओं का प्रसार पत्रकारिता के लिए गंभीर चुनौती बन चुका है। उन्होंने कहा कि अध्ययन, सत्यापन, जांच, निष्पक्षता और संवेदनशीलता जैसे मूल्यों को अपनाकर ही मीडिया अपनी विश्वसनीयता कायम रख सकती है। मौके पर जिला जनसंपर्क पदाधिकारी श्री रवि कुमार एवं विभिन्न प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
मीडिया को अपनी विश्वसनीयता को बरकरार रखने के लिए खुद से विश्लेषण करने की जरूरत है-
उपायुक्त श्री अजय नाथ झा ने संगोष्ठी में मीडिया की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आजादी के आंदोलन से लेकर आज तक भारत के नव निर्माण में मीडिया की अहम भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि जानबूझकर भ्रम पैदा करना राष्ट्र के लिए समाज के लिए अहितकारी है और ऐसे इनफॉरमेशन फैलाने वाले लोगों से सचेत रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आज जो भ्रम की स्थिति पैदा होती है, भ्रामक खबरें अस्तित्व में आती हैं। उसकी वजह जल्दबाजी है, खबर सबसे पहले चलाने की होड़ है और इस होड पर रोक की आज सबसे बड़ी जरूरत है। आज 24×7 खबरों का सिलसिला जारी है और इस स्थिति में देर से ही आए दुरुस्त आने की जरूरत है क्योंकि आम लोगों का भरोसा प्रशासन, शासन और मीडिया से है। जनता के भरोसे का एक भरोसेमंद नाम है मीडिया। इसलिए मीडिया को अपनी विश्वसनीयता को बरकरार रखने के लिए खुद से विश्लेषण करने की जरूरत है। क्योंकि भरोसा टूटने का मतलब है मीडिया की विश्वसनीयता पर सवाल पैदा होना।
उपायुक्त श्री अजय नाथ झा ने शासन प्रशासन के साथ-साथ मीडिया को इस बात के लिए सलाह दी कि वह अपने विश्वसनीयता को बनाने में कोई कसर नहीं छोड़े। उन्होंने कहा कि जिस दिन विश्वसनीयता खंडित होगी, उस दिन भ्रामक खबरों की वजह से उस पत्रकार की, उस मीडिया की पुरी क्रेडिबिलिटी खत्म हो जाएगी, जिसे बनाने में बरसों बरस लगे थे लेकिन एक झटके में विश्वास का क्लेश होने से सब कुछ मटियामेट होते देर नहीं लगेगी। उन्होंने आगे कहा कि मिस इनफॉरमेशन से ज्यादा डिस इनफॉरमेशन को खतरनाक बताया और इससे बचने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि ए.आई के जमाने में इससे बचना मुश्किल भरा काम है। उन्होंने कहा कि ए.आई के जमाने में जहां हमारी राष्ट्रीयता पर और राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर चुनौती पैदा हुई है।

