Bokaro: बोकारो और धनबाद में चल रहे भोजपुरी और मगही अंगिका को क्षेत्रीय भाषा बनाने के विवाद पर आज शुक्रवार को सरकार ने विराम लगा दिया। कार्मिक एवं प्रशासन विभाग ने इस बाबत अधिसूचना जारी कर दी है। जिसमें स्पष्ट किया गया है कि इन जिलों से भोजपुरी और मगही भाषा को हटा दिया गया है। उपरोक्त भाषाएं राज्य में मैट्रिक और इंटर की परीक्षा को लेकर जोड़ी गई थी। बताया जा रहा है कि शाम को जेएमएम और कांग्रेस नेताओं ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की थी, जिसके बाद ये निर्णय आया है।
अब बोकारो में पांच क्षेत्रीय भाषा रखी गई है – नागपुरी, कुरमाली, खोरठा, उर्दू और बांग्ला। बोकारो के स्थानीय लोगो ने इसका स्वागत किया है। लोग एक दूसरे को बधाई दे रहे है। इस आंदोलन के अगुआ तीर्थ नाथ आकाश जिन्होंने चप्पल-जूता पहनना छोड़ दिया था। उनकी कसम पूरी होती दिख रही है। इसके साथ ही भाषाई आंदोलन पर विराम लगने की बात कही जा रही है।