Bokaro: बोकारो इस्पात संयंत्र (BSL) द्वारा सड़क बनाने का काम शुरू होने की साथ-साथ राजनीती भी शुरू हो गई। नयामोड़ (बिरसा चौक) से लेकर मनसा सिंह गेट (रेलवे ब्रिज ARM ऑफिस) तक सड़क बन रही है। काम बड़ा है, पब्लिक से जुड़ा है तो इसका क्रेडिट लेना बनता है।
बीएसएल प्रबंधन ने सड़क के जीर्णोधार को लेकर कोई भी शिलान्यास कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया। फिर भी, सांसद, पी एन सिंह अपने भाजपा समर्थकों के साथ जाकर मंगलवार शाम उस बन रही सड़क का शिलान्यास कर दिया। वहां मिठाइयां भी बटी और सांसद के साथ सबों ने खाया भी। एहि नहीं सांसद महोदय ने सोशल मीडिया में शिलान्यास की खबर डाली और सैकड़ो लाइक्स भी बटोरे।
यह था वह सांसद महोदय का पोस्ट: बोकारो में के.बी 32 से लेकर सी.आई.जेड और नया मोड़ से लेकर मनसा सिंह गेट तक जर्जर सड़क के जीर्णोधार का शिलान्यास किया।
सांसद द्वारा सड़को के जीर्णोधार का शिलान्यास चर्चा में है। खासतौर पर शहर के विधायक बिरंची नारायण का उसमे शामिल न होना लोगो का ध्यान आकर्षित कर रहा है। विधायक के कुछ समर्थको को तकलीफ भी हुई है। सोशल मीडिया में पोस्ट करके यह बताया गया है कि बोकारो विधायक कई बार बीएसएल के डायरेक्टर इंचार्ज से सड़क बनाने की मांग करते हुए मिलें है। इस काम का क्रेडिट उनको भी जाता है। उक्त पोस्ट को भी सैकड़ो लाइक्स मिल रहे है।
कुछ लोगो का कहना है कि सांसद अगर विधायक को साथ लेकर शिलान्यास करते तो पार्टी की छवि और मजबूत होती। विरोधी आलोचना नहीं कर पाते। पर बीजेपी की राजनीती हमेशा से डिफरेंट रही है। पता नहीं सांसद और विधायक महोदय का यूं जुदा-जुदा रहना भी कुछ अलग लेवल की राजनीती हो।
हालांकि सांसद महोदय का पोस्ट पढ़ कर अधिकतर लोगो को लगा की शिलान्यास कार्यक्रम का आयोजन बीएसएल ने किया होगा। शहर के कई लोगो ने बीएसएल अधिकारियों को इतना बड़ा कार्यक्रम करने की लिए मुबारकबाद भी दी। पर आला अधिकारियो ने उन्हें बताया कि ऐसा कोई शिलान्यास का कार्यक्रम बीएसएल ने नहीं करवाया है। सड़क का जीर्णोधार शुरू करने से पहले सीजीएम (T&A) बीएस पोपली अपने कुछ अधिकारियों की साथ सोमवार को CISF पास सेक्शन के गेट के पास भूमि-पूजन किये थे। बस उसके बाद काम शुरू कर दिया गया।
कोई भी VIP भूमि-पूजन मे नहीं आये थे, यहां तक की ईडी और डायरेक्टर इंचार्ज भी उसमे सरीख़ नहीं हुए थे। अब सांसद महोदय ने खुद शिलान्यास किया या उनके समर्थकों ने करवाया जो भी हो, लेकिन सड़क बनवाने का क्रेडिट तो उन्होंने ले ही लिया। उनके समर्थकों ने बताया कि 19 नवंबर को सांसद महोदय बीएसएल जाकर डायरेक्टर इंचार्ज से मिले थे। मिलकर सड़क की खस्ता हालत बताते हुए उसे शीध्र बनवाने को कहे थे। उसके बाद तुरंत सड़क बनाने का काम चालू हो गया। इसका क्रेडिट सांसद महोदय को जाता है।
उधर विधायक समर्थकों ने कहा कि कई बार विधायक ने डायरेक्टर इंचार्ज से मिलकर सड़क बनवाने को कहा है। लेटर भी दिया। उसके बाद ही जर्जर सड़क पर बीएसएल प्रबंधन का ध्यान गया और उसको बनवाया जा रहा है।
क्रेडिट तो सांसद महोदय को जाता ही है आखिर उपक्रम केंद्र का है ।केंद्र में बोकारो की जनता का प्रतिनिधित्व भी सांसद महोदय ही करते हैं ,फिर आखिर किस बात का बवाल ।
सांसद अकेले वार्ता में भी नही जाते या चुनिंदा लोगों के साथ भी नहीं जाते ,जब जाते है,तो लोगों की अच्छी खासी संख्या होती है ।पहली बार जब इस विषय को उद्या गया था ,तो यह जिम्मेवारी मेरी ही थी ।,जिसे माननीय निदेशक प्रभारी ने बड़ी विस्तार से कार्य योजना के संदर्भ में बताया था ।वार्ता भी सभागार में हुई ।लोगों की संख्या भी लगभग २५ से ३० रही होगी ।फिर काहे का क्रेडिट लेने की होड़ ।
खैर इस मामले को जनता को देखने देना चाहिए ।