Bokaro: बोकारो स्टील लिमिटेड (SAIL-BSL) प्लांट के गेट पर तैनात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के जवानों ने 22 सितंबर को बड़ा काम किया है। सीआईएसएफ जवानों ने प्लांट से बाहर निकल रहे तीन स्क्रैप लदे ट्रको को जब चेक किया तो उनके बीच कॉपर केबल, मोटर इत्यादि रखा हुए पाया। ट्रक में स्क्रैप के अलावे इन सब सामग्रियों कागजात में वर्णित नही थे। इसलिए उन्होंने ट्रकों को पकड़ लिया।
अब यह तीनो ट्रक बीएसएल प्रबंधन के गले के फांस बन चुके है। ट्रको में पाए गए उक्त सामानों की चोरी हो रही थी या नहीं इसकी पुष्टि बीएसएल प्रबंधन को करना है। पर प्रबंधन एक हफ्ते से मौन है। इस कारण अब इस घटना की चर्चा जोरों से हो रही है। लोग तरह-तरह की बातें बना रहे है। इस घटना ने बीएसएल अधिकारियों, कर्मचारियों और निजी ठेकेदार को सवालों के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है।
पकड़े गए तीनों ट्रक फिलहाल प्लांट परिसर के अंदर सीआईएसएफ की निगरानी में हैं। डीआईजी, सीआईएसएफ, सौगत राय ने कहा की बीएसएल और सीआईएसएफ की संयुक्त चार सदस्यीय समिति का गठन किया गया है जो इस संबंध में जांच कर रही हैं। जब्त ट्रकों से उक्त सामग्रियों को कल बुधवार को उतार कर जाँच किया गया। गुरुवार को उन सामानों का भौतिक सत्यापन भी किया गया है। डीआईजी ने कहा कि समिति जल्द ही जाँच कर रिपोर्ट सौंपेगी, जिसके आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
बताया जा रहा है कि जांच रिपोर्ट में गड़बड़ी पाए जाने पर सीआईएसएफ की ओर से थाने में संबंधित प्राइवेट कंपनी के खिलाफ चोरी की प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी। अगर बीएसएल कर्मचारी और अधिकारी की संलिप्तता पाई जाएगी तो उनके खिलाफ भी क़ानूनी करवाई की जाएगी। यह जांच समिति तय करेगी की बीएसएल में काम करने वाली निजी कंपनी उन कीमती सामग्री को गलत तरीके से स्टील प्लांट के बाहर निकालने की कोशिश कर रही थी या नहीं।
बताया जा रहा है कि बीएसएल प्रबंधन द्वारा निजी कंपनी को प्लांट से स्क्रैप निकालने की अनुमति दी गई थी, लेकिन कॉपर केबल, मोटर और अन्य कीमती सामान को स्क्रैप के बीच छिपाकर प्लांट तीन ट्रको की मदद से बाहर निकालने का प्रयास किया जा रहा था। जब्त माल की कीमत लाखों में बताई जा रही है।
करवाई तो अवश्य हिनी चाहिए, चाहे अधिकारी की मिलीभगत से हो का जिस कम्पनी को स्क्रेप को ठेका दिया हो।Bokaro steel city BSL
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