Bokaro: शहर के कैंप दो स्थित सदर अस्पताल में आये दिन कुछ न कुछ गड़बड़ होती ही रहती है। इस बार प्रसव पीड़ा में सदर अस्पताल पहुंची एक महिला को नर्सो ने यह कहकर डरा दिया कि डॉक्टर को आने में दो घंटे लगेंगे और बच्चा अंदर नाड़ी से लिपट गया है। इसलिए सिजेरियन करना होगा।
परेशान परिजन गर्भवती को लेकर निजी अस्पताल सेक्टर चार चले गये। उस निजी अस्पताल के बाहर ही गर्भवती ने सामान्य प्रसव से शिशु को जन्म दिया। महिला व बच्चा दोनों स्वस्थ है।
यह मामला आज सुर्खियों में है। सदर अस्पताल के नर्सो को मरीज और उसके परिवारवाले को इस तरह डराने के पीछे क्या मकसद था ? क्या सदर अस्पताल में डॉक्टर को आने में दो घंटे लगते है ? क्या प्रसव पीड़ा के दौरान कोई महिला को ऐसा करना उचित है ? इस घटना के बाद सदर अस्पताल प्रबंधन इन सवालों के घेरे में है।
मिली जानकारी के अनुसार नंदुआ स्थान चास निवासी राजाअपनी पत्नी लीना देवी को प्रसव पीड़ा में लगभग 10 बजे रात को सदर अस्पताल लाये। नर्स ने देख कर बताया कि बच्चा नाड़ी में फंसा हुआ है। जोखिम वाला प्रसव है। बड़ा ऑपरेशन करना होगा। कई कागजों पर हस्ताक्षर करने को कहा। साथ ही बताया कि चिकित्सक के आने में दो घंटे का वक्त लगेगा। ऐसे में परिजन घबरा गये और गर्भवती को लेकर निजी अस्पताल चले गये।
डॉ बीपी गुप्ता, उपाधीक्षक, सदर अस्पताल ने कहा कि मामला गंभीर है। बिना स्त्री रोग विशेषज्ञ चिकित्सक की जांच के ही नर्स को स्थिति गंभीर बताने को अधिकार नहीं है। यदि ऐसा था भी तो मुझे भी सूचना देनी चाहिए थी। मरीज को अस्पताल से नहीं भेजना चाहिए था। पूरी घटनाक्रम की जांच की जायेगी। दोषी होने पर नर्स पर कार्रवाई की जायेगी।
डॉ एबी प्रसाद, सिविल सर्जन, बोकारो ने कहा कि- जानकारी मिली है. लिखित शिकायत नहीं की गयी है. इसके बाद भी संज्ञान में मामला आया है. घटनाक्रम की जांच एक टीम बना कर करायी जायेगी. दोषी पाये जाने पर नर्स पर निश्चित रूप से कार्रवाई होगी।