Bokaro: बोकारो में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। पेटरवार के उत्सारा पंचायत के सालगादेह गांव के रहने वाले महेंद्र मुंडा के लिए कोरोना की वैक्सीन लेना वरदान साबित हुआ है। उनके परिवार वालो ने बताया कि वह कई सालों से न तो बोल पा रहे थे और न ही चल पा रहे थे। पर कोरोना की वैक्सीन मिलने के बाद वह बिलकुल ठीक हो गए। अब वह एक बार फिर से सामान्य जीवन जीने लगे है।
इस चमत्कार को देखकर गांववाले हैरान है। जिला प्रसाशन ने इस मामले में जिला स्वास्थ विभाग से मेडिकल टीम भेजकर जाँच कराने को कहा है। वैसे जब तक मेडिकल टीम जाकर इसमें रिपोर्ट नहीं दे देती तब तक इस मामले कि पुष्टि कर पाना किसी भी डॉक्टर या प्रसाशन के लिए मुश्किल है।
मेडिकल टीम जाकर पता लगाएगी की मुंडा का एक्सीडेंट कब हुआ, उसको कहा चोट लगी, किस डॉक्टर ने इलाज किया। क्या उस घटना के बाद उसका चलना-फिरना-बोलना बंद हो गया था आदि। उस टीम के फाइंडिंग के आधार पर ही कोई भी आधिकारिक तौर पर कुछ बोल पायेगा।
महेंद्र मुंडा ने बताया कि चार साल पहले एक दुर्घटना में उसकी बोलने और चलने की क्षमता चली गई थी। पर जब उन्होंने 6 जनवरी 2022 को कोविशील्ड की पहली खुराक ली उसके बाद उनके शरीर में हलचल होने लगी। 8 जनवरी को वह धीरे-धीरे बोलने लगा और हाथ-पैर हिलाने लगा। मुंडा ने कहा कि इन चार वर्षों में उन्होंने इलाज के लिए अपनी पुश्तैनी जमीन बेच दी। फिर भी उनकी तबीयत ठीक होने के बजाय बिगड़ती चली गई।
बोकारो के सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि मामले की वैज्ञानिक तरीके से जांच होनी चाहिए। कोरोना की वैक्सीन लेने के बाद मुंडा के शरीर में जिस तरह से बदलाव आए हैं उसके कारणों का पता लगाया जायेगा। हालांकि मुंडा कोरोना का टिका बनाने वाले और देने वाले दोनों को धन्यवाद देते नहीं थक रहे है।