Bokaro: यह तस्वीर बोकारो के सेक्टर चार स्थित कुमार मंगलम स्टेडियम की है। जहां कैंप जेल में आमरण अनशन पर बैठे बोकारो मृत कर्मचारी आश्रित संघ के स्वजनों ने मंगलवार को एसडीओ, दिलीप सिंह शेखावत के पैर पकड़ लिए। एक पल के लिए एसडीओ साहब भी समझ नहीं पाए की यह क्या हो रहा है। पर अगले ही पल संभलते हुए उन्होंने अनुरोध कर उन महिलाओ को पैर से हटाया। उनकी बातों और समस्याओं को सुना। उन्हें यथा संभव मदद का आश्वासन दिया। उन्हें समझा-बुझा कर वापस घर भेजा।
करीब एक हफ्ते से आंदोलन कर रहे मृत कर्मचारी के आश्रितो के चेहरों पर बेबसी और बेचारगी साफ़ झलक रही थी। बीएसएल प्रबंधन के मृत कर्मचारियों के आश्रितों का यह दृश्य बेहद मार्मिक था। और कही न कही कंपनी के नाम पर बट्टा लगा गया। बता दें, बोकारो मृत कर्मचारी आश्रित संघ के सदस्य नियोजन की मांग को लेकर एक हफ्ते पहले बीएसएल प्रशासनिक भवन के मुख्य गेट के पास आमरण अनशन पर बैठे थे।
रविवार अहले सुबह पुलिस प्रशासन ने कार्यक्रम स्थल से उन्हें उठाकर सेक्टर चार स्थित कुमार मंगलम स्टेडियम में बने कैंप जेल बंद कर दिया। कैंप जेल आने के बाद भी आश्रित आमरण अनशन जारी रखे हुए थे। आज 23 नवंबर को एसडीओ चास के नेतृत्व में त्रिपक्षीय वार्ता थी। जब एसडीओ स्टेडियम पहुंचे तो आश्रितों ने अपनी आपबीती और मज़बूरी बताई। इस क्रम में कुछ आश्रितों के महिला स्वजनों ने एसडीओ के पैर पकड़ कर मदद मांगने लगी। एसडीओ ने काफी नम्रता और अनुरोध करके उन्हें उठाया और काफी समझाया बुझाया। उनके दर्द को समझा।
एसडीओ ने कहा कि हमने आज हड़ताल तोड़वा दी है। हम शनिवार को त्रिपक्षीय वार्ता करवाएंगे। आश्रित नीरज कुमार ने कहा कि अगर शनिवार को बीएसएल सकरात्मक कदम नहीं उठाता है तो फिर आंदोलन करेंगे।