Bokaro Steel Plant (SAIL) Hindi News

BSL अधिकारी को पकड़ने के लिए रवाना हो गई थी पुलिस, ईडी तुरंत पहुंचे DC Bokaro के पास तब जाकर संकट टला


Bokaro: जिला प्रशासन के आदेश की अवहेलना बोकारो स्टील प्लांट (BSL) प्रबंधन के लिए उस वक़्त परेशानी का कारण बन गई, जब बोकारो की उपायुक्त (DC) विजया जाधव ने सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में एक वरीय बीएसएल अधिकारी पर क़ानूनी कार्रवाई करने का आदेश दे दिया। पुलिस ने जैसे ही संबंधित अधिकारी को पकड़ने के लिए पीसीआर वैन भेजी, यह खबर BSL प्रबंधन तक पहुंच गई, जिससे बाद प्रबंधन में हड़कंप मच गया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए BSL के कार्यकारी निदेशक (ED) तत्काल DC के कार्यालय पहुंचे और बातचीत कर कार्रवाई रुकवाई।

पहली बार BSL अधिकारी पर ….
यह पहली बार है जब जिला प्रशासन ने BSL के CGM रैंक के अधिकारी पर सरकारी कार्य में बाधा डालने का आरोप लगाया और कानूनी कार्रवाई का आदेश दिया। बताया जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों से जिला प्रशासन झारखंड सामान्य स्नातक योग्यता संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 2023 (JSSC-CGL) को कदाचार मुक्त कराने में जुटा था। राज्य सरकार भी परीक्षा को लेकर बेहद गंभीर थी। ज़िले के चास और बेरमो अनुमंडल क्षेत्रों में कुल 64 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे, जिनमें 29,700 परीक्षार्थी 21 और 22 सितंबर को परीक्षा देने वाले थे। Click to join Whatsapp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x

कदाचार मुक्त परीक्षा सुनिश्चित करने की चुनौती
उपायुक्त विजया जाधव के लिए कदाचार मुक्त परीक्षा कराना एक बड़ी जिम्मेदारी थी, जिसे सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से सतर्क था। सभी केंद्रों पर पर्याप्त संख्या में दंडाधिकारी, फ्लाइंग स्क्वाड, स्टैटिक पर्यवेक्षक और पुलिस बल तैनात थे। शुक्रवार को विभिन्न होटलों और गेस्ट हाउस में छापेमारी भी की गई थी। इस बीच, उपायुक्त को पता चला कि परीक्षा के लिए 16 और पर्यवेक्षकों (observer) की आवश्यकता है। चूंकि अधिकतर अधिकारी पहले ही तैनात किए जा चुके थे, DC ने BSL से 16 अधिकारियों की मांग की, जिन्हें परीक्षा केंद्रों पर पर्यवेक्षक के रूप में तैनात किया जा सके।

पर्यवेक्षकों की कमी ….

सूत्रों के अनुसार, बोकारो जिला प्रशासन की ओर से BSL प्रबंधन से पर्यवेक्षकों की मांग पर शुरू में BSL प्रबंधन ने यह कहकर टालमटोल की कि उनके अधिकारियों को भत्ता चाहिए। जिला प्रशासन ने तुरंत सकारात्मक जवाब देते हुए कहा कि जो भी भत्ता सरकार द्वारा दिया जा रहा है, वह प्रदान कर दिया जाएगा। लेकिन इसके बावजूद BSL प्रबंधन ने अधिकारियों को भेजने से मना कर दिया, यह कहते हुए कि उन्हें TA-DA (यात्रा और दैनिक भत्ता) भी चाहिए। इस पर उपायुक्त ने कहा कि वह भी सरकारी फंड से प्रदान कर दिया जाएगा।

इसके बाद BSL प्रबंधन ने चुप्पी साध ली, परंतु अधिकारियों को भेजने में कोई कदम नहीं उठाया। यह पहली बार नहीं था, इससे पहले लोकसभा चुनाव के दौरान भी BSL प्रबंधन ने अपने कर्मियों और अधिकारियों को चुनावी ड्यूटी पर भेजने में देरी की थी, लेकिन अंततः सहमति दे दी थी। इसी तरह, इस बार भी जिला प्रशासन BSL को मनाने की कोशिश करता रहा। Click to join Whatsapp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x

उपायुक्त का सख्त रुख, पुलिस कार्रवाई का आदेश
हालांकि, देर शाम जब BSL प्रबंधन ने स्पष्ट रूप से अधिकारियों को भेजने से मना कर दिया, तब पर्यवेक्षकों की कमी के चलते परीक्षा प्रक्रिया प्रभावित होने की स्थिति बन गई। इसके बाद, बोकारो की उपायुक्त ने कड़ा रुख अपनाते हुए पुलिस को आदेश दिया कि BSL के संबंधित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी को सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में नोटिस दिया जाए और उन्हें पकड़ कर लाया जाए। साथ ही, आगे की कानूनी कार्रवाई की भी तैयारी शुरू कर दी गई।

आखिरकार, BSL ने भेजे 16 अधिकारी
BSL प्रबंधन को जैसे ही इस गंभीर स्थिति का एहसास हुआ, वे तुरंत हरकत में आ गए। कार्यकारी निदेशक (ED) स्वयं उपायुक्त से मिलने पहुंचे और बातचीत के जरिए मामले को सुलझाया। इसके बाद, BSL ने 16 अधिकारियों को पर्यवेक्षक के रूप में तैनात किया, जिन्होंने शनिवार को आयोजित JSSC-CGL परीक्षा को कदाचार मुक्त संपन्न कराया। Click to join Whatsapp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x

Bokaro: जेएसएससी-सीजीएल परीक्षा का पहला दिन संपन्न, 19625 परीक्षार्थी रहें अनुपस्थित

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