Bokaro: पेंटीकॉस्टल असेंबली स्कूल (Pentecostal Assembly School) के सभागार में डॉ. राधाकृष्णन सहोदया स्कूल कॉम्प्लेक्स, बोकारो जिला के सदस्य विद्यालयों के कक्षा 9वीं से कक्षा 12वीं के विद्यार्थियों के बीच मानवाधिकार से जुड़ी भाषण प्रतियोगिता आयोजित की गई । जिसमें 12 विद्यालयों की उपस्थिति रही।
इसमें प्रति विद्यालय से एक शिक्षक और कुल तेईस विद्यार्थी शामिल हुए। कार्यक्रम की शुरुआत सर्वप्रथम मुख्य शैक्षणिक अधिकारी रीता प्रसाद एवम् विद्यालय निदेशक रेवरेंड डॉ. डी एन प्रसाद के सम्मिलित ईश वंदना से हुई। तत्पश्चात् डॉ. राधा कृष्णन सहोदया स्कूल कॉम्प्लेक्स अधिकारियों का स्वागत पुष्प गुच्छ से किया गया।
कक्षा 11 और 12 के बच्चों द्वारा “कीप मि इन द हॉलो ऑफ योर हैंड” प्रार्थना गीत की सुंदर प्रस्तुति की गई। सुंदर मधुर धुन पर बच्चों ने स्वागत नृत्य किया।प्राचार्या डॉ. करुणा प्रसाद ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए निर्णायक मंडली से दर्शकों का परिचय कराया। निर्णायक मंडली में क्रमश: न्द्रिमा रे (शिक्षिका- संत जेवियर स्कूल), शांतनु सेन गुप्ता (महाप्रबंधक – वित्त एवं लेखा- बी. एस. एल), शीला रॉय शर्मा (शिक्षिका- पेंटीकॉस्टल असेंबली स्कूल) थे।
प्रतियोगिता का विषय कक्षा 9-10 वीं ग्रुप 1 के लिए – “वी रियलाइज द इंपॉर्टेंस ऑफ आवर वॉइसेज ऑनली व्हेन वी आर साइलेंस्ड” और कक्षा 11-12 वीं ग्रुप 2 के लिए – ” टू डिनाए पीपल देअर ह्यूमन राइट्स इज टू चैलेंज देयर वेरी ह्यूमैनिटी” प्रतियोगिता प्रारंभ होते ही तालियों की गड़गड़ाहट से सभागार गूंज उठा। एक से बढ़कर एक विशिष्ठ व्यक्तिव के वक्तव्यों को विद्यार्थियों ने अपनी-अपनी शैली में प्रस्तुत किए ।निर्णायक मंडली के लिए यह कठिन घड़ी थी।
अंततः ग्रुप 1 से प्रथम लायबा उस्मानी (चिन्मया विद्यालय-सेक्टर-5) , द्वितीय अंजली कुमारी (जी. जी. पी. एस., चास) और तृतीय आशी भारद्वाज (अयप्पा स्कूल) और ग्रुप 2 से प्रथम समृद्धि प्रताप दूबे (डी.पी.एस., सेक्टर-4), द्वितीय कुणाल राज (चिन्मया विद्यालय-सेक्टर-5) , एवं आदित्य आर्यन तृतीय स्थान प्राप्त किया। इस प्रकार प्रतिभाशाली विजेताओं के नाम की घोषणा की गई।
मुख्य अतिथि सहोदया कोषाध्यक्ष श्रीमान फादर रेजी वरगिस (प्राचार्य एम. जी. एम. हाइयर सेकेंडरी स्कूल ) एवं सहोदया संयुक्त सचिव, उमा शंकर सिंह ने बच्चों को पुरस्कृत किया। उन्होंने बच्चों की प्रशंसा करते हुए कहा कि – जीवन में ज्ञान ही पूंजी है और बच्चे इसके धरोहर हैं। प्रतियोगिताएं उनकी प्रतिभा को तरासती और निखारती हैं। जो आने वाले भविष्य के लिए ये बच्चे उसके कर्णधार हैं।
अतः बच्चों को विभिन्न प्रतियोगिताओं में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिए। प्राचार्या डॉ. करूणा प्रसाद ने सभी सम्मानित अतिथियों को स्मृति चिह्न भेंट स्वरूप प्रदान किया। धन्यवाद ज्ञापन सहोदया संयुक्त सचिव, श्री उमा शंकर सिंह जी ने किया। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम की समाप्ति हुई।