Bokaro: जल की व्यवस्था हो जाएं, तो विकास स्वतः हो जाएगा। जल छाजन की योजनाओं को अपनाकर आप स्वयं अपनी एवं अपने क्षेत्र के विकास की शुरूआत कर सकते हैं। जल संचयन माध्यम से न केवल सिंचाई की समस्या को दूर किया जा सकता है, बल्कि कई अन्य आजीविका के साधनों को विकसित कर सकते हैं। उक्त बातें भूमि संसाधन विभाग, ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार के सचिव अजय तिर्की ने कहीं। वह शनिवार को प्रधानमंत्री किसान सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) – आइजब्ल्यूएमपी – 04 के तहत जिले में क्रियान्वित योजनाओं का निरीक्षण करने बोकारो पहुंचे थे। उनके साथ ग्रामीण विकास विभाग झारखंड सरकार के विशेष सचिव राम सिन्हा समेत अन्य उपस्थित थे।
भूमि संसाधन विभाग, ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार के सचिव अजय तिर्की व उनकी टीम सबसे पहले पेटरवार प्रखंड के कोह पंचायत स्थित बुढ़नगोड़ा पहुंचें। यहां उन्होंने 39 एकड़ में फैले मनरेगा पार्क (आम बागवानी) एवं अमृत सरोवर का निरीक्षण किया। उन्होंने मौके पर उपस्थित उपायुक्त कुलदीप चौधरी एवं उप विकास आयुक्त कीर्तीश्री जी. से योजना के संबंध में जानकारी ली। इस अवसर पर उन्होंने अमृत सरोवर को विशेष सचिव श्री राम सिन्हा, उपायुक्त कुलदीप चौधरी, उप विकास आयुक्त कीर्तीश्री जी. – स्थानीय मुखिया,जलछाजन समिति के सदस्य ग्रामीणों आदि के साथ उद्घाटन किया। साथ ही, अमृत सरोवर बांध पर सबों ने आम के पौधे का पौधरोपण किया।
इस अवसर पर उपस्थित लाभुकों एवं ग्रामीणों के साथ भूमि संसाधन विभाग, ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार के सचिव श्री अजय तिर्की ने संवाद किया। जल छाजन के महत्व को बताया। विकास की शुरूआत कैसे और कहा से करें इसकी बात कहीं। उन्होंने अमृत सरोवर में जल संचय से स्वनिर्भर को लेकर कौन – कौन से कार्य किए जा सकते हैं। इसकी जानकारी ली। स्थानीय मुखिया राजेंद्र राजवर एवं लाभुकों/ग्रामीणों ने बताया कि वह आम बागवानी के साथ, मत्स्य पालन, बत्तख पालन, मुर्गी पालन, सब्जी खेती आदि का कार्य करेंगे और आर्थिक रूप से सशक्त एवं स्वनिर्भर बनेंगे। जल संसाधन विभाग, ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार के सचिव ने कहा कि आपसी समन्वय के साथ इस दिशा में काम करें इससे क्षेत्र के विकास को नई दिशा मिलेगी।
आगे, भूमि संसाधन विभाग, ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार के सचिव श्री अजय तिर्की कसमार प्रखंड के दुर्गापुर पंचायत पहुंचे और जल छाजन समिति के सदस्यों, जेएसएलपीएस की दीदीओं द्वारा पोली हाउस में बनाएं गए नर्सरी का जायजा लिया। उन्होंने नर्सरी कार्य कर रही समूह के दीदीओं सुनीता देवी,नीरा देवी आदि से उनके अनुभवों की जानकारी ली। कैसे वह नर्सरी में पौधे तैयार करते हैं और इससे उन्हें कैसे फायदा मिल रहा है। समूह की दीदीओं ने बताया कि कोकोपिट में पौधा तैयार करने में उन्हें पहले की अपेक्षा तीन गुणा फायदा हो रहा है। पुरानी विधि से पौधा तैयार करने में बीज से पौधा 30 – 50 फीसद ही तैयार होता था, लेकिन नई कोकोपिट पद्धति से बीज से पौधा 97 – 100 फीसद तैयार होता है।
मौके पर जल छाजन के लिए बने तालाब, आस – पास सिंचाई के माध्यम से लगी फसलों का भी निरीक्षण किया। सोलर प्लांट के माध्यम से संचालित मोटर पंप आदि को देखा। उन्होंने जिला प्रशासन एवं समिति सदस्यों के प्रदर्शन पर संतोष व्यक्त किया। प्रखंड के दुर्गापुर में आयोजित कार्यक्रम में भूमि संसाधन विभाग, ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार के सचिव श्री अजय तिर्की ने लाभुकों एवं ग्रामीणों के साथ संवाद किया। उनके अनुभवों को सुना और काफी प्रसन्नता व्यक्त की। अपने संबोधन में कहा कि वह आगे भी ऐसा काम जारी रखें, सभी एक लाइन में चलें। योजना निर्माण से लेकर धरातल पर क्रियान्वयन तक समन्वय के साथ आगे बढ़े। ताकि उनका पूरे राज्य में नाम रौशन हो। प्रदान संस्था द्वारा समिति सदस्यों / दीदीओं को जागरूक/प्रशिक्षण करने के कार्य की भी सराहना की।
भूमि संसाधन विभाग, ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार के सचिव श्री अजय तिर्की, विशेष सचिव ग्रामीण विकास विभाग झारखंड सरकार श्री राम सिन्हा, उपायुक्त श्री कुलदीप चौधरी, बीरसा कृषि विश्व विद्यालय के प्रोफेसर श्री अनिल कुमार आदि ने जल छाजन से संबंधित गतिविधियों के स्टाल का भी निरीक्षण किया।
मौके पर उपायुक्त श्री कुलदीप चौधरी, उप विकास आयुक्त श्रीमती कीर्तीश्री जी., जिला परिवहन पदाधिकारी श्री संजीव कुमार, पेटरवार बीडीओ श्री शैलेंद्र कुमार, सीओ श्री ब्रजेश श्रीवास्तव, कसमार बीडीओ श्री विजय कुमार, नोडल पदाधिकारी पंकज दूबे, सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी अविनाश कुमार, प्रदान संस्था के प्रतिनिधि, स्थानीय प्रतिनिधि, ग्रामीण व प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी आदि उपस्थित थे।