Bokaro: कोरोना महामारी से मृत कर्मचारियों के आश्रित के नियोजन के मांग एवं विस्थापित – ठेका मज़दूरों के सवाल पर प्रस्तावित 18 मार्च के चारों शिफ्ट के अंतिम तीन घंटा के मिनी हड़ताल में मजदूर सहभागिता के लिए गेट नम्बर 3 में सोमवार को गेट मीटिंग हुआ। सम्बोधित करते हुए जनता मजदूर सभा के महासचिव साधु शरण गोप ने कहा कि प्रबंधन को मजदूर- विस्थापित- ठेकामज़दूरों की हित में काम में रुचि नहीं है।
बीएसएल में हजारों रिक्तियां होने के बावजूद कोरोना मृत कर्मियों के आश्रित को नौकरी नही दिया जा रहा है। विस्थापित का आरक्षण छीन लिया गया है। स्थायी प्रकृति में कार्यरत ठेकामज़दूरों को स्थायी नही हो रहा है। यानी मजदूर का पद खाली छोड़ा हुआ है। वहीं एमडी, ईडी, जीएम का पद खाली होते ही तुरंत भर दिया जाता है। अधिकारी मालिक और मजदूर गुलाम की प्रवृति का शिकार सेल हो गया है।
गोप ने कहा कि अधिकारियों का वेतन लाखों में है। वही ठेका मजदूर का वेतन मात्र कई हजार है। फिर भी अधिकारियों ने अपना वेजरीविजन कर लिया और ठेका मजदूर का वेतन वृध्दि छोड़ दिया। बिडंबना है कि कम वेतन भोगी ठेकामज़दूरों का कटमनी से अधिकारी रिस्वत प्राप्त करते हैं। सेल को बचाने के लिए नैतिकता के विषय पर भी सरकार को काम करना होगा। तभी सेल के प्लांट बचेंगे। मजदूर मिनी हड़ताल में भाग लेकर प्रबंधन को कर्तव्य बोध कराये।
गोप ने कहा कि आगे स्टील गेट, कुर्मी डीह गेट ओर अंत मे पास सेक्शन के पास सभा होगा। यूनियन अध्यक्ष ललन आनन्दकर, सुधीर कुमार हरि, जे आर गोप, जी गोप, समर बहादुर यादव, शिव शंकर सिंह, तिलकधारी , यू एस गोप, राज कुमार महतो, राजू यादव, दीपक कुमार, सुभाष दास, राजू दास ने भी मजदूरों से अपील किया।