Bokaro: बोकारो विधायक बिरंची नारायण द्वारा बीएसएल प्लांट के मेंन गेट पर धरना देने के मामले ने तूल पकड़ना शुरू कर दिया है। बोकारो इस्पात संयंत्र (BSL) के डायरेक्टर इंचार्ज, अमरेंदु प्रकाश द्वारा विधायक को अपने सहयोगियों के साथ प्लांट न जाने देने को लेकर उपजे विवाद की चर्चा बोकारो के बाहर होने लगी है। इस मामले में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ी है।
झारखण्ड के भाजपा सांसद और प्रदेश के नेतागण बोकारो विधायक के साथ हुए इस बर्ताव से नाराज है। वहीं सेल के आला अधिकारी मामले को शांत कराने में जुटे हुए है। धनबाद सांसद पी एन सिंह एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने बीएसएल डायरेक्टर इंचार्ज द्वारा बोकारो विधायक के खिलाफ किये गए इस तरह के रवैये का सामने आकर विरोध किया है।
बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले 3 सितम्बर को गुजरात के अहमदाबाद में हुए स्टील, कोल और माइंस की संसदीय समिति की बैठक में बोकारो विधायक द्वारा बीएसएल प्लांट के मेंन गेट पर दिया गया धरना चर्चा में रहा। उस हाई लेवल मीटिंग में धनबाद सांसद पशुपति नाथ सिंह ने बोकारो विधायक से जुड़े मामले को कड़ाई से उठाया। बैठक में पी एन सिंह सहित भाजपा के अन्य सांसद, सेल चेयरमैन सोमा मंडल और अन्य अधिकारी मौजूद थे।
बताया जाता है कि संसदीय समिति की उस बैठक में धनबाद सांसद पुरे फॉर्म में थे। बैठक में अधिकतर चर्चा बोकारो इस्पात संयत्र (BSL) से जुड़े मामलो पर हुई। धनबाद सांसद ने बारी-बारी से बिरंची, बीजीएच, विस्थापित और बीएसएल प्लांट में बढ़ रही दुर्घटनाओं के मुद्दों को उठाया। भरी बैठक में सांसद ने विस्थापितों से जुड़े प्लांट अटेंडेंट की निकली वेकन्सी में अप्प्रेन्टिसशिप ट्रेनिंग प्राप्त युवकों को प्राथमिकता नहीं देने पर रोष जताया।
बताया जाता है कि संसदीय समिति द्वारा उठाये मुद्दों से जुड़े जवाब सेल मैनेजमेंट 15 दिनों के अंदर कमिटी को भेजगी जिसके बाद वह संसद में पेश होगा। सूत्रों के मुताबिक बैठक के बाद सेल ने डायरेक्टर इंचार्ज और विधायक के बीच बिगड़े सम्बन्ध को लेकर बीएसएल से जानकारी मांगी है। मामले को शांत कराने के लिए उचित प्रयास करने को कहा है।
सांसद के आलावा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश भी बोकारो विधायक के पक्ष में खुल कर सामने आ गए है। दीपक प्रकाश ने www.currentbokaro.com के संवाददाता से हुई फ़ोन पर बात में यहां तक कह दिया कि प्लांट गेट पर विरंची नारायण नहीं बैठे, बल्कि पूरी भाजपा बैठी थी। अब यह लड़ाई अकेले बिरंची नारायण की नहीं बल्कि हम सभी की है। जनता द्वारा चुने गए विधायक को अपने दो सहयोगियों के साथ बीएसएल प्लांट के अंदर नहीं जाने देना कहां की नीति है।
बता दें बोकारो विधायक बिरंची नारायण पिछले 30 अगस्त को अपने दो सहयोगियों के साथ प्लांट का दौरा करना चाहते थे। पर बीएसएल प्रबंधन ने उन्हें इंट्री पास निर्गत यह कहते हुए नहीं किया की अगर उनको जाना है तो अकेले जाये उनके साथ किसी और को पास नहीं मिलेगा। इस बात से चिढ़कर विधायक प्लांट के गेट पर धरने पर बैठ गए थे। जिन्हे बाद में जिला प्रसाशन ने अनुरोध कर उठाया।
इधर बीएसएल अधिकारियो की माने तो विधायक अपने साथ कई लोगो को ले जाना चाहते थे। यह उनके सेफ्टी के लिए भी ठीक नहीं था और नियम के भी विरुद्ध था। यहां तक कि बीएसएल के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर ने जाकर विधायक से धरने से उठने कि मिन्नत की थी पर वह नहीं माने।