Bokaro: दो-पहिया चलाते हुए अगर कोई हेलमेट नहीं पहने या फिर कार में सीट बेल्ट लगाना भूल जाये तो उसका फाइन कटना निश्चित है। पुलिस के अनुसार ट्रैफिक नॉर्म्स का पालन करना लोगो के सुरक्षा के लिए जरुरी है। पर अगर रोड में गहरा गौफ नुमा गड्ढा हो, जिसे बनाया नहीं जा रहा हो। जिसके कारण अगर कोई हादसा हो गया तो जिम्मेवार कौन होगा ?
ऐसी स्तिथि में पब्लिक किसको जिम्मेवार समझेगी ? बीएसएल प्रबंधन जिसकी यह रोड है, आमजन को सुरक्षा प्रदान करने वाला प्रसाशन या फिर विधायक या सांसद। ऐसे कई प्रश्न, लोगों के मन में उठ रहे है। खासकर उन हज़ारो लोगो के मन में जो इन ख़राब रास्तो से हरदिन सफर कर रहे है।
यही नहीं पुरे बोकारो स्टील टाउनशिप की रोड की स्तिथि काफी ख़राब है। इस बरसात में कई जगह बड़े-बड़े गड्ढे हो गए है। गैस पाइपलाइन और मोबाइल कम्पनियो द्वारा सेक्टरों में खोद कर भरे हुए गड्ढे अब आफत है। सिटी सेंटर के साथ-साथ सेक्टरों में रोड की स्तिथि कई जगह दयनीय है। लोगों को परेशानी हो रही है।
बरहाल, सेक्टर-8 स्तिथ काली बाड़ी के सामने से गुजरने वाले रोड पर यह गड्ढा चर्चा का विषय बना हुआ है। आसपास रहने वाले खटाल वासी लकड़ी, डंडो और फटे हुए कपड़े को लटका कर लोगो को अगाह किये हुए है। पर बारिश और रात में यह गड्ढा और भी भयवाह हो जाता है। बता दें, यह गड्डा कई दिनों से काली बाड़ी के निकट (सेक्टर 8 और MGM स्कूल) वाले रोड पर मुँह खोले पड़ा हुआ है, पर उसे भरने या बनाने वाला कोई नहीं।
लोगो का कहना है की बीएसएल कर्मचारियों के साथ-साथ सैकड़ो लोगों का आना जाना इस रोड पर दिन रात लगा रहता है। कुछ लोग गिरे भी है, पर उन्हें हलकी-फुल्की ही चोट लगी है। सेक्टर 8 निवासी बान भट्ट के अनुसार यह गड्ढा कई दिनों से है, पर इसे भरा नहीं जा रहा। कुछ लोगों ने मट्टी डालने का प्रयास किया था पर बारिश में वह बह गया। इसे तुरंत बनाना चाहिए नहीं तो कभी भी यह गड्ढा जानलेवा साबित हो सकता है।
बीएसएल के निदेशक प्रभारी अमरेंदु प्रकाश ने 15 अगस्त को अपने भाषण में रोड बनाने को लेकर यह कहा था-
बीएसएल ने पिछले दिनों अपने टाउनशिप में 42 किलोमीटर रोड की रिपेयरिंग की है। अब टाउनशिप में सेक्टर 6,8,9,11 और 12 में करीब 80 किलोमीटर लंबी सड़क की मरम्मत करने जा रहे है। मानसून खत्म होते ही इसपर काम लग जायेगा। पूरे शहर के केंद्र में सड़क की मरम्मत। पूरे शहर के सड़क की मरम्मत खासतौर पर शास्त्री चौक से पत्थरकट्टा चौक तक। कुछ हिस्सों में जलजमाव से बचने के लिए नया मोड़ से स्टील वर्क्स स्टेशन (माराफारी) तक जल निकासी के प्रावधान के साथ सड़क की मरम्मत। दूदीबाग से JAP तक फोर लेन तक आरसीसी सड़क की मरम्मत पूरी करें। सेक्टर 11 रेलवे क्रॉसिंग के पास करीब आधा किलोमीटर सड़क मरम्मत।
जानकारी के लिए –
सड़क दुर्घटनाओं ने 2020 में लगभग 1.32 लाख लोगों की जान ली। भारत सरकार हर साल देश के सकल घरेलू उत्पाद का लगभग तीन से पांच प्रतिशत सड़क दुर्घटनाओं में निवेश करती है। भारत में, दो-तिहाई सड़क दुर्घटना से होने वाली मौत 15-44 वर्ष के आयु वर्ग में होती है। देश में प्रतिवर्ष लगभग 4.5 लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। हर घंटे 53 सड़क दुर्घटनाएं; हर 4 मिनट में 1 व्यक्ति की मौत। पिछले एक दशक में भारतीय सड़कों पर 13 लाख लोगों की मौत हुई और 50 लाख अन्य घायल हुए।