Bokaro: जय झारखंड मजदूर समाज (JJMS) कार्यालय सेक्टर 9 में कार्यकारणी की बैठक महामंत्री बी के चौधरी के अध्यक्षता में हुई। बैठक में सबों ने 21अक्टूबर को हुए NJCS एवं SAIL प्रबंधन के साथ हुए समझौते की कड़े शब्दों में निंदा किया।अपने सम्बोधन में चौधरी ने कहा कि कुछ NJCS के नेता इस वेज रिविजन को एतिहासिक बताते हुए अपनी पीठ खुद थपथपाने का काम कर रहा है। जबकि असल में इस वेज रिविजन को आम मजदूर ‘काला समझौता’ बता रहे है। इस्पातकर्मीयों एवं ठेकाकर्मीयों इसे धोखा बता रहे है ।
15,35,9 % से कम और जनवरी 2017 से एरियर, ठेकाकर्मियों का वेज रिविजन, आन्दोलन के दौरान सस्पेंड हुए कर्मचारियों की वापसी से कम मंजूर नहीं कहने वाले NJCS के नेताओं को 30 जून को एतिहासिक हड़ताल कर अकूत ताकत देने का काम किया, जिसमें जय झारखंड मजदूर समाज ,जनता मजदूर सभा, एक्टू एवं झारखंड क्रांतिकारी मजदूर युनियन ने हड़ताल को एतिहासिक बनाने का काम किया था। लेकिन ऐसा क्या हुआ की NJCS नेताओ ने प्रबंधन द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने का काम किया।वेज रिविजन के इतिहास में पहली बार NJCS में सर्वसम्मति से नहीं बल्कि बहुमत के आधार पर हस्ताक्षर करने के परम्परा को शुरू किया गया। ठेका मजदूरों के लिए या 2017 से एरियर का भुगतान, 9% पेन्सन और सस्पेंड कर्मचारियों की वापसी की MOU में कहीं भी प्रबंधन ने स्पष्ट रूप से स्वीकार नहीं किया है। होना तो यह चाहिए था कि पहले जनबरी 2017 से एरियर, सस्पेंड कर्मचारियों की वापसी,रात्रि पाली भत्ता, ठेकाकर्मियों का वेज रिविजन प्रबंधन की सहमति के बाद हीं समझोते के लिए तैयार होना चाहिए था।बड़बोले बोलने बाले भी भीतर से समझ रहे हैं की यह समझौता खोदा पहाड़ निकली चुहिया वाली कहावत को चरितार्थ कर रहा है। चार दिनों से मजदूरों के बीच जाकर उनका राय जानने के क्रम में सच्चाई आइ है की यह समझौता प्रबंधन के गोद में बैठकर किया गया समझौता है जिसे मजदूर मानने को कतई तैयार नहीं है। इसके विरोध में एक बार फिर JJMS ने सेल प्रबंधन से आर पार की लड़ाई लड़ने के लिए कमर कस लिया है। अन्त में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि बांकी मांगों को लेकर महापर्व छठ पूजा के बाद आन्दोलन का शंखनाद किया जायगा। बैठक में मुख्य रूप से :—एन के सिंह,, के मंडल, यू सी कुम्भकार, अनिल कुमार, राजेन्द्र प्रसाद , रामेश्वर माँझी,रौशन कुमार, अभिमन्यु माँझी,आई अहमद, बादल कोयरी, ओ पी चौहान ,मोहन राम, आर पी मंडल, पूरन चन्द्र महतो, बारिया तेली, बी एन तिवारी, आर के मिश्रा, शिव नाथ, ए के सिंह, आर एन राकेश, पुराण चंद महतो इत्यादि उपस्थित थे