Bokaro: सेवा का अधिकार सप्ताह के तहत गुरुवार को साबड़ा पंचायत सचिवालय में आयोजित आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार शिविर में एक अनोखा मामला सामने आया। एक 70 वर्षीय वृद्ध व्यक्ति अपनी पत्नी के साथ पहुँचा और सरकारी व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए मुआवजा की मांग की। दंपति का आरोप था कि पत्नी की दो-दो बार बंध्याकरण करवाने के बावजूद उनके तीन बच्चे पैदा हुए, जिसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कभी कार्रवाई नहीं हुई।
दुबारा ऑपरेशन कराने के बावजूद पत्नी ने दो बच्चो को दिया जन्म
वृद्ध व्यक्ति ने बताया कि वर्ष 1985 में सीएचसी चंदनकियारी में परिवार कल्याण योजना के तहत पत्नी का बंध्याकरण कराया गया था। इसके बावजूद पत्नी ने एक पुत्र को जन्म दिया। हालात से परेशान होकर उन्होंने दुबारा चास में ऑपरेशन कराया, लेकिन इस बार भी पत्नी ने एक पुत्र और एक पुत्री को जन्म दिया। उनका कहना है कि सीमित साधनों के कारण उन्होंने परिवार नियोजन अपनाया था ताकि बच्चों के पालन-पोषण में दिक्कत न हो, लेकिन बंध्याकरण विफल होने से पूरा बोझ फिर उन पर ही आ गया।
परिवार के भरण-पोषण के लिए मुआवजा की मांग
उन्होंने बताया कि कई बार जिले के उपायुक्त सहित जनप्रतिनिधियों से अपनी समस्या रखी, लेकिन किसी ने मदद नहीं की और न ही लापरवाह अधिकारियों पर कोई कार्रवाई हुई। इधर, एसडीएम चास प्रांजल ढांढा ने मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि घटना काफी पुरानी है और अब दंपति के बच्चे बड़े हो चुके हैं तथा रोजगार के योग्य हैं। उन्होंने वृद्ध को सलाह दी कि शिविर में लगे रोजगार स्टाल में अपने बच्चों को आवेदन कराने के लिए प्रेरित करें, जिससे उन्हें रोजगार के अवसर मिल सकें।

