Bokaro: बोकारो चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने बोकारो स्टील मैनेजमेंट की लीज रिन्यूअल पॉलिसी (Lease Renewal Policy) और उसकी रिस्ट्रिक्टेड ट्रेड पॉलिसी (Restricted Trade Policy) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए एक दिन का धरना दिया। चैंबर के प्रेसिडेंट मनोज चौधरी ने कहा कि हाई कोर्ट ने मैनेजमेंट को नए डिमांड लेटर जारी करने और रिवाइज्ड पॉलिसी के तहत लीज रिन्यूअल प्रोसेस शुरू करने का निर्देश दिया था, लेकिन बार-बार रिक्वेस्ट करने के बावजूद कोई एक्शन नहीं लिया गया।
चैम्बर के संजय बैद ने कहा कि मैनेजमेंट के मनमाने और डेवलपमेंट-विरोधी फैसलों से प्लाट होल्डर्स को बहुत मेंटल स्ट्रेस और फाइनेंशियल नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि रिन्यूअल फीस बहुत ज्यादा बढ़ा दी गई थी, जिससे प्लाट ओनर्स को हाई कोर्ट जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। हालांकि कोर्ट ने मैनेजमेंट की दलीलों को खारिज कर दिया और उन्हें नई पॉलिसी बनाने का निर्देश दिया, लेकिन मैनेजमेंट ने डबल बेंच के सामने अपील की, जिससे मामला 18 महीने तक टल गया। See Video-
बोकारो के पूर्व MLA बिरंची नारायण ने चेतावनी दी कि ऐसी पॉलिसी बोकारो स्टील सिटी के भविष्य के विकास को नुकसान पहुंचा सकती हैं। साथ ही डेंटल एसोसिएशन के सदस्यों ने मांग की कि डेंटल क्लीनिक को प्रतिबंधित ट्रेड लिस्ट से हटा दिया जाए, जबकि दवा व्यापारियों ने तर्क दिया कि फार्मास्यूटिकल्स को भी छूट मिलनी चाहिए। चैंबर ने दोहराया कि प्लॉट के मालिक पहले से ही कई चार्ज देते हैं।

