Bokaro: विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर, आदिवासी सांस्कृतिक विकास परिषद ने बिरसा सेवा आश्रम सभागृह में एक भव्य समारोह का आयोजन किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत आदिवासी परंपरा के अनुसार अतिथियों का स्वागत कर की गई।
डी.सी. गोहाई ने अध्यक्षता भाषण में विश्व आदिवासी दिवस की महत्वता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह दिवस आदिवासियों की अस्मिता, आत्म-सम्मान, और सामाजिक पहचान को बनाए रखने की उनकी निरंतर जद्दोजहद का प्रतीक है। गोहाई ने बताया कि पूरी दुनिया में लगभग 50 करोड़ और भारत में 14.15 करोड़ आदिवासी निवास करते हैं, जो पिछले ढाई सौ वर्षों से विभिन्न संघर्षों का सामना कर रहे हैं।
मुख्य अतिथि जोन तपन कोगाड़ी, महाप्रबंधक, बोकारो स्टील प्लांट (BSL) ने आदिवासी समाज के इतिहास और उनके जल, जंगल, जमीन से जुड़ाव पर चर्चा की। झारखंड सरकार के अंचल अधिकारी बी.एन. टुड्डू ने विश्व आदिवासी दिवस के महत्व और इसकी विस्तृत जानकारी प्रदान की।
इस अवसर पर रघुनाथ टुड्डू, गोपेश्वर सोरेन, बानेश्वर सोरेन, कमला देवी, उषा देवी, रविंद्र हॉसदा, सुमित मूर्मू, दुर्गा प्रसाद सोरेन, और सुंदर सोरेन जैसे गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे।