दिवाली का त्योहार रोशनी, स्वच्छता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है, पर बोकारो स्टील टाउनशिप में इस बार कुछ अलग ही दृश्य है।दीपों की रौशनी में दब गया कचरे का अंधेरा ?
Bokaro: एक तरफ़ शहर के लोग दिवाली की सफाई में जुटे हैं — घरों से पुराना कूड़ा-कर्कट निकालकर बाहर फेंका जा रहा है, दीवारें चमकाई गई हैं — वहीं दूसरी ओर बोकारो स्टील टाउनशिप के सेक्टरों में कचरे के ढेर “स्वच्छता अभियान” की पोल खोल रहे हैं। बीएसएल (Bokaro Steel Plant) का पब्लिक हेल्थ विभाग, जो टाउनशिप की सफाई का जिम्मेदार है, दिवाली से ठीक पहले गहरी नींद में नजर आ रहा है।
कचरे से लबालब डस्टबिन, फैल रही दुर्गंध
सेक्टरों में लगे अधिकतर डस्टबिन भरे हुए हैं और उनमें से निकलती दुर्गंध ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। कई जगह तो हालात इतने खराब हैं कि कचरा डस्टबिन से बाहर फैल चुका है। कुछ इलाकों में तो कूड़े के ढेरों में आग तक लगी देखी गई है। रविवार को विभिन्न सेक्टरों से ली गई तस्वीरों में ये गंदगी साफ झलक रही है। आप भी Video देखें –
अफसरों के सेक्टर साफ, कर्मचारियों के मोहल्ले बेहाल
निवासियों का कहना है कि बीएसएल प्रशासन सफाई के नाम पर सिर्फ दिखावा कर रहा है। जहां अधिकारी रहते हैं — सेक्टर 1, सेक्टर 4-F, और सेक्टर 5 — वहां डस्टबिन साफ़ रहे हैं, जबकि कर्मचारियों के इलाकों जैसे सेक्टर 2, 3, 6, 8, 9 , कैंप 2 और 12 में कचरे डस्टबिनों से छलक रहे है। अगल-बगल कचरा सड़को में पसरा हुआ है। पब्लिक हेल्थ विभाग के कर्मी दिखावे के लिए मुख्य सड़कों पर रखे कुछ डस्टबिन खाली किए हैं, पर अंदर की गलियां के डस्टबिन पर कूड़े के ढेर साफ़ दिख रहे हैं।
लोगों का फूटा गुस्सा, बोले – “ऐसे में दिवाली का क्या मतलब?”
स्थानीय लोगों ने बीएसएल प्रबंधन पर तीखी नाराजगी जताते हुए कहा कि दिवाली जैसे त्योहार पर शहर की ऐसी हालत पहले कभी नहीं हुई। घरों में सफाई पूरी हो गई, लेकिन शहर की सफाई का जिम्मा जिनके पास है, उन्होंने कोई तत्परता नहीं दिखाई। एक निवासी ने तंज कसते हुए कहा, “बीएसएल के पब्लिक हेल्थ विभाग के अफसरों को शायद लगता है कि दीपक की रोशनी में कचरा नजर नहीं आएगा।”
पब्लिक हेल्थ विभाग की बड़ी नाकामी
पिछले सालों में बीएसएल प्रबंधन दिवाली से पहले सड़कों और डस्टबिनों की सफाई बड़े स्तर पर करवाता था। लेकिन इस बार पूरा पब्लिक हेल्थ विभाग सुस्त पड़ा है। लोगों का आरोप है कि इस विभाग के प्रमुख के पास कई अन्य जिम्मेदारियां भी हैं, जिसके कारण यह विभाग पूरी तरह प्रभावित हो गया है। लोगो की शिकायतों पर BSL का पब्लिक हेल्थ विभाग कोई ठोस कदम नहीं उठाता है।
कचरा प्रबंधन में बड़ी खामी
पचास साल पुरानी इस टाउनशिप में करीब पांच लाख की आबादी रहती है, लेकिन अब तक कोई म्युनिसिपल वेस्ट डिस्पोज़ल प्लांट नहीं बनाया गया है। हर दिन लगभग 85-90 मीट्रिक टन कचरा और अपशिष्ट 37,000 घरों और 1,100 व्यावसायिक इकाइयों से निकलता है जिसे सेक्टर 6 और 11 के बीच खुले मैदान में फेंक दिया जाता है।
जनता का सवाल —
“अगर बीएसएल अफसरों के घरों तक ही सफाई सीमित रहेगी,
तो क्या बाकी शहर को सिर्फ कचरे की सौगात ही मिलेगी?”

