Bokaro: आजादी का अमृत महोत्सव’ चिरस्मरणीय बनाने की अंतिम कड़ी ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान के तहत शुक्रवार को दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) बोकारो के विद्यार्थियों ने प्रभातफेरी निकाली। स्वतंत्रता संग्राम के महान नायकों के योगदान से बच्चों तथा जन-जन को जागरूकता का संदेश देने के उद्देश्य से यह आयोजन किया गया।
गाजे-बाजे के साथ निकली इस प्रभातफेरी में विद्यार्थियों के साथ-साथ शिक्षक भी शामिल हुए। सभी अपने हाथों में तिरंगा लहराते हुए ‘वंदे मातरम्’ और ‘भारत माता की जय’ का गगनभेदी जयघोष करते चल रहे थे। राष्ट्रध्वज के साथ-साथ स्वतंत्रता संग्राम के वीर पुरोधाओं के चित्र और ‘पंचप्राण’ की प्रतिज्ञा लिखित तख्तियां आदि के साथ वे देशभक्ति नारे भी लगा रहे थे।
इनमें ‘आत्मनिर्भर भारत बनाना है’, ‘आजादी का अमृत महोत्सव मनाना है’, ‘अनोखा है मेरा देश, देता है एकता का संदेश’, ‘देश की माटी, देश की शान, करना है इस पर जीवन कुर्बान’, ‘घर-घर में तिरंगा लहराएं, मेरी माटी मेरा देश त्योहार मनाएं’, ‘मेरी माटी मेरा देश आओ बदलें भारत का परिवेश’ आदि नारे प्रमुख थे। बच्चों ने देशभक्ति गीत गाए और संस्कृति मंत्रालय की ओर से तैयार ‘मिट्टी गान’ भी बजाया गया।
प्रभातफेरी विद्यालय से निकलकर लक्ष्मी मार्केट, सेक्टर-4 के विभिन्न रास्तों से होकर गुजरते हुए पुनः विद्यालय पहुंची। यह जिस रास्ते से होकर गुजर रही थी, उधर से आते-जाते लोग भी सहसा रुक जा रहे थे। आयोजन आकर्षण और प्रेरणा का केंद्र बना रहा।
इसके पूर्व, विद्यालय में आयोजित प्रार्थना-सभा के दौरान सभी विद्यार्थियों एवं शिक्षक-शिक्षकेत्तर कर्मियों ने पंचप्राण की प्रतिज्ञा ली। आजादी का अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में विद्यालय में पौधरोपण, रंगोली, निबंध, चित्रांकन प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गईं।
विद्यालय के प्राचार्य डॉ. एएस गंगवार ने कहा कि मेरी माटी मेरा देश अभियान देश को आजादी दिलाने में अपना सर्वोच्च बलिदान करने वाले वीर-वीरांगनाओं को श्रद्धांजलि व कृतज्ञता अर्पित करने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है। यह अभियान निश्चय ही समस्त देशवासियों में राष्ट्रप्रेम की भावना को और सशक्त करेगा।
आज आवश्यकता इस बात की है कि छात्र-छात्राएं देश की आजादी के पीछे के संघर्ष एवं बलिदानों को एक प्रेरणा के रूप में आत्मसात करें। जब देश का बच्चा-बच्चा देशप्रेम की भावना से ओतप्रोत होगा और राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए इस दिशा में कर्तव्य-निर्वहन करेगा, तो निश्चय ही समृद्धशाली राष्ट्र-निर्माण का सपना साकार हो सकेगा।