Bokaro: ज़िले के चंदनक्यारी ब्लॉक में स्तिथ इलेक्ट्रोस्टील स्टील लिमिटेड (ESL) को वेदांता ग्रुप (Vedanta Group) बेचना चाह रहा है। उद्योगपति अनिल अग्रवाल की अगुवाई वाला वेदांता उद्योग अपने सहायक ईईएसएल (ESL) को बेचकर इस्पात व्यवसाय से बाहर निकलना चाहता हैं। कर्ज घटाने के साथ-साथ अपने प्रमुख खनन और औद्योगिक व्यवसायों पर ध्यान केंद्रित करना चाहता है।
खरीदारों की तलाश में वेदांता समूह ने आर्सेलर मित्तल, निप्पॉन स्टील (एएमएनएस), टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू और जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड जैसी स्टील कंपनियों और इन्वेस्टर्स के साथ संपर्क साधा है। इसके अलावा, आर्सेलर मित्तल के सीईओ आदित्य मित्तल जैसे शीर्ष अधिकारियों ने भी हाल के महीनो में वेदांता के अधिकारियों के साथ प्लांट का दौरा किया था। यह बातें इकोनॉमिक टाइम्स सहित देश के प्रमुख अख़बारो में छपी है।देश के नामी अंग्रेजी अखबरों में ईईएसएल (ESL) से जुड़ी ऐसी खबरें आने के बाद बोकारो और चंदनक्यारी के लोगो के बीच ईईएसएल प्लांट को लेकर तरह-तरह की बातें हो रही है। चार साल बाद यह दूसरी बार है जब ईईएसएल स्टील प्लांट के बिकने की चर्चा है। बता दें ईईएसएल चंदनक्यारी और आसपास के हज़ारो लोग काम करते है। सियालजोरी में ग्रामीणों ने अपनी हज़ारो एकड़ पुस्तैनी जमीन कंपनी को ईईएसएल प्लांट लगाने के लिए दी है। कई लोगो का रोजगार ईईएसएल से जुड़ा है। प्लांट बिकने की खबरों से लोग उहापोह में है।
लोग इस बात से भी हतप्रद है कि एक तरफ वेदांता ग्रुप ईईएसएल प्लांट का जमीन अधिग्रहण कर विस्तार करने की बात कर रहा है, पर्यावरण मंजूरी के लिए पब्लिक हियरिंग करा रहा है और दूसरी तरफ इसके बेचे जाने की बात हो रही है। चंदनक्यारी विधायक अमर बाउरी ने कहा कि वेदांता ईईएसएल प्लांट के बेचे जाने की चर्चा गर्म हैं। मेरा एहि कहना है कि कंपनी रैयतों, मजदूरों और कर्मियों के हित को ध्यान में रखते हुए कोई फैसला ले। लोगो के रोजगार में कोई समस्या नहीं आनी चाहिए।
सूत्रों के अनुसार इसी साल 26 मार्च को वेदांता लिमिटेड (Vedanta Limited) के निदेशक मंडल ने बोकारो के चंदनक्यारी ब्लॉक स्तिथ ईएसएल स्टील लिमिटेड (ESL Steel Limited) के विस्तारीकरण सहित तीन परियोजनाओं में निवेश को मंजूरी दे दी है। इसमें ईएसएल की वर्तमान उत्पादन क्षमता 1.5 एमटीपीए है, जिसे बढ़ाकर अब दोगुना कर दिया जाना है। ईएसएल स्टील लिमिटेड के 3 एमटीपीए विकास परियोजना के लिए वेदांता 324 मिलियन डॉलर का निवेश करेगा। पर अब इसके बेचने की बात हो रही है।
वेदांता समूह के सीईओ सुनील दुग्गल सोमवार को चंदनक्यारी के ईईएसएल प्लांट विजिट किये थे। वेदांता ग्रुप ने इस बारे में कहा कि वह बाजार की अटकलों पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता है। आर्सेलरमित्तल और जेएसडब्ल्यू ने भी टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया। टाटा स्टील के सीएफओ कौशिक चटर्जी ने कहा कि कंपनी के पास अभी ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है।
वेदांता समूह की कंपनी ईएसएल स्टील लिमिटेड 31 मार्च 2018 को अस्तित्व में आई है। वेदांता ने 2018 में टाटा स्टील को पछाड़कर इलेक्ट्रोस्टील को 5,320 करोड़ रुपये में खरीदा था। क्रेडिटर्स ने इलेक्ट्रोस्टील को इनसॉल्वेंसी प्रोसेस में घसीटा था। खरीदने के बाद वेदांता ने इलेक्ट्रोस्टील स्टील्स को डिलिस्ट कर दिया था। वेदांता ग्रुप के पास इलेक्ट्रोस्टील की 95.5% हिस्सेदारी है।