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बाल अधिकारों के प्रति ग्रामीणों को बनाया जा रहा है संवेदनशील


Bokaro: जरीडीह प्रखंड के गायछनंदा पंचायत के बरवाडीह टोला एवं गागजोरि पंचायत के वीरसाड़म गांव , चिरापाटि टोला के सामुदायिक भवन में बाल अधिकार सरंक्षण जागरूकता अभियान के कार्यक्रम निदेशक सह मनोवैज्ञानिक के अगुवाई में युवाओं की सहभागिता से संपन्न हुई।

मनोवैज्ञानिक डॉ प्रभाकर कुमार ने बतलाया कि गांव में बढ़ती बाल उत्पीड़न की घटनाएं के कारण बच्चों , माता पिता, अभिभावकों, समुदाय, समाज, ग्रामीणों को बाल अधिकारों के प्रति संवेदनशील बनाया जा रहा है । गांव में लिंग भेद , भूर्ण हत्या , बाल श्रम , बाल विवाह , बाल दुर्व्यापार , बाल उत्पीड़न की घटनाएं मे अप्रत्याशित वृद्धि जारी है । संकट कालीन नो 1098 को याद करवाया गया और कई बाल संकल्पों को दुहराया गया । सुरक्षित बचपन सुरक्षित भारत के संकल्प को मूर्त रूप दे सकती है।

गायचछनंदा पंचायत के मुखिया सोनी कुमारी ने कहा कि बाल अधिकार जागरूकता अभियान चलाए जाने से बच्चे के तमाम जानकारी मिली है , अपने ग्राम पंचायत को संवेदनशील बनाये जाने में मेरी ओर से अहम भूमिका रहेगी। गांगजोरी पंचायत के मुखिया गीता देवी ने बढ़ती यौन उत्पीड़न की घटनाएं पर चिंता व्यक्त करते हुए बाल अधिकारों की जानकारी जन मानस तक पहुँचाने को सफल अभियान बतलाया।

आज के बाल अधिकार सरंक्षण जागरूकता अभियान मे मास्क , चॉकलेट , प्रतियोगिता करवा कर स्टेशनरी सामग्रियों का वितरण किया गया। अभियान में मुख्य रूप से शामिल समाजसेवी सदानंद चटर्जी , फुलेश्वर मरांडी , आकाश दास , जलेश्वर मरांडी , नंदकिशोर मुर्मू , करम चांद मरांडी , नामेश्वर मरांडी , युवाओं में कृष्ण कांत तिवारी , रिषभ कुमार , इंद्रजीत कुमार आदि उपस्थित रहे।


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