Bokaro: बोकारो स्टील सिटी इस समय विश्वकर्मा पूजा (Vishwakarma Puja) की तैयारियों में डूबी हुई है और बुधवार को पूरा शहर उल्लास में सराबोर होगा। शहरभर में सौ से अधिक पूजा पंडाल सजाए जा रहे हैं, जो कल तक श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए पूरी तरह तैयार होंगे। औद्योगिक क्षेत्रों, गैराज, ऑटो-रिक्शा स्टैंड और सार्वजनिक स्थलों पर खास आयोजन चल रहे हैं और ग्रामीण इलाकों में भी श्रद्धालु परंपरागत ढंग से भगवान विश्वकर्मा की पूजा अर्चना करेंगे।

बीएसएल में होगा विशेष पूजन
बोकारो स्टील प्लांट (BSL) के विभिन्न सेक्टरों और विभागों में विशेष पूजा आयोजित की जाएगी। कर्मचारी मशीनों की पूजा करेंगे। बीएसएल प्रवक्ता मणिकांत धान ने बताया कि इस वर्ष भी पूरे उत्साह के साथ विश्वकर्मा पूजा मनाई जाएगी। ईडी वर्क्स प्रिय रंजन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी विभिन्न विभागों में पूजा करेंगे। करीब 30 स्थानों पर प्लांट के भीतर और आठ विभागों में बाहर पूजा होगी। कई जगह खिचड़ी भोग अर्पित किया जाएगा और प्रसाद का वितरण होगा।
औद्योगिक क्षेत्रों में सजेगी रौनक
बालडीह औद्योगिक क्षेत्र और रेलवे विभागों के कारखानों में भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमाएं स्थापित की जाएंगी। श्रद्धालु अपने वाहनों और उपकरणों को धोकर फूलों से सजाएंगे और भगवान विश्वकर्मा के चरणों में अर्पित करेंगे। निजी दुकानों और कार्यस्थलों पर भी उपकरणों और फैक्ट्रियों की सफाई कर पूजा की जाएगी।
पूरे शहर में रहेगा उल्लास
चास और बोकारो टाउनशिप के विभिन्न क्षेत्रों और सेक्टरों—बीएसएल एलएच, जैनामोड़, बालडीह, रेलवे स्टेशन, कुर्मीडीह, रितुडीह, कसमार, पेटरवार, जोदाडीह मोड़, आईटीआई मोड़ चास और चंदनकियारी—में पंडालों को रंग-बिरंगी सजावट से सजा जा रहा है।
विश्वकर्मा पूजा का महत्व
विश्वकर्मा पूजा हर साल भाद्रपद महीने की 17 सितंबर को मनाई जाती है। मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा, भगवान ब्रह्मा के सातवें पुत्र हैं, जिन्होंने ब्रह्मांड की रचना में सहयोग दिया। शास्त्रों के अनुसार यह पर्व उस दिन मनाया जाता है जब सूर्य कन्या राशि में प्रवेश करता है। इस अवसर पर कारखानों, इंजीनियरिंग संस्थानों, कार्यशालाओं और श्रमिक समूहों में मशीनों, औजारों और हथियारों की विशेष पूजा की जाती है। परंपरा है कि पूजा के दौरान मंत्रों का जप न करने से साधक को पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता।
