Bokaro: कांग्रेस द्वारा धनबाद लोकसभा सीट पर अनुपमा सिंह को प्रत्याशी बनाये जाने के बाद पार्टी में अंतर्कलह बढ़ गया है। कई कार्यकर्ता और नेता नाराज हो गए है। कईयों ने नाराजगी दिखाते हुए पार्टी छोड़ दी है। प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर और प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर को पार्टी कार्यकर्ता जमकर कोष रहे है। उनपर टिकट बेचने का आरोप लगा रहे है।
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लोकसभा चुनाव होने में लगभग 36 दिन शेष रह गए है। पर कांग्रेस (Congress) में हालात ऐसे है की, कार्यकर्ता इलेक्शन मोड में जाने के बजाये, पार्टी के आलाकमान पर खिसियाए हुए है। कुछ सामने आकर विरोध कर रहे है, तो कई दबी जुबान से कोस रहे है। सही मायने में धनबाद लोक सभा में स्थानीय नेताओं को दरकिनार कर, अनुपमा सिंह को टिकट देना कांग्रेस को भारी पड़ रहा है। पार्टी में बवाल मचा हुआ है।
शुक्रवार को धनबाद और बोकारो के कई नेताओं और कार्यकर्ताओ ने पार्टी छोड़ दी। बोकारो के विस्थापितों ने भी सामने आकर विरोध किया है। चुनाव के समय इस तरह के विरोध से आमजन में कांग्रेस की छवि कमजोर पड़ रही है। नेताओं, कार्यकर्ताओ ने पद-पार्टी से इस्तीफा देने के पहले, प्रेस कांफ्रेंस कर कांग्रेस के वरीय नेताओं के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त की।
कांग्रेस पार्टी में पैसा से ही दिया जाता है टिकट
इंटक बोकारो जिला अध्यक्ष सह विस्थापित नेता रघुनाथ महतो ने कहा कि- धनबाद लोकसभा में ऐसे प्रत्याशी को उतारा गया है, जिसका धनबाद से कोई नाता नहीं रहा है। अनुपमा सिंह कभी लोगों के बीच में नहीं आई है। इसके बावजूद भी कांग्रेस पार्टी के आला कमान द्वारा उनको प्रत्याशी बनाना दुर्भाग्यपूर्ण है। मेरा कहना है कि यदि कांग्रेस पार्टी में पैसा से ही टिकट लोकसभा में दिया जाता है, तो कोई आवश्यकता नहीं है यहां के कार्यकर्ताओं की। आप अपने मनमानी से चुनाव लड़ सकते हैं।
शर्म की बात है
विस्थापित नेताओं ने यह भी कहा कि – यह शर्म की बात है की कांग्रेस पार्टी ने ऐसे लोगों को यहां प्रत्याशी बनाकर भेजा है। जिससे यहां की जनता का भला नहीं हो सकता। यह सिर्फ झारखंड प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर और झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर साहब को ही फायदा पहुंचा सकते है। सौदा बाजी करके आज टिकट लेकर के यहां पहुंचे हैं। इसका पुरजोर जवाब यहां की जनता देने के काम करेगी। आज हम सभी विस्थापित इसका विरोध कर रहे हैं। हम चाह रहे हैं की आलाकमान पुनर्विचार करें।
टिकट को बेचा गया है
कांग्रेस नेता पूर्व महासचिव अनिल सिंह और जिला उपाध्यक्ष राधेश्याम दुबे ने अपने सहयोगियों के साथ पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि धनबाद लोक सभा सीट से टिकट को बेचा गया है। जिससे कई नेता और कार्यकर्ता नाराज है। कैंडिडेट को कोई जनता पहचानता भी नहीं है। इसलिए हमलोगों ने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। अनिल सिंह ने कहा कि – ऐसी कौन सी मज़बूरी आ गई थी कि एक घरेलू महिला को टिकट दे दिया गया ? क्या धनबाद लोकसभा में ऐसा कोई नेता या कार्यकर्ता नहीं था जो प्रतिनिधित्व कर सकें ?
राधेश्याम दुबे ने कहा कि कार्यकर्ताओ को कोई सुनने वाला नहीं है। हमलोग के भावना कि कोई कद्र नहीं है। इसलिए दुखी मन से हमलोग इस्तीफा दे रहे है। यह हवा-हवाई कैंडिडेट है। जितने वाली थोड़ी न है।
बुजुर्ग नेता ललन चौबे ने पद-पार्टी से दिया इस्तीफा
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य और कांग्रेस नेता ललन चौबे ने शुक्रवार को पद और पार्टी से इस्तीफा दे दिया। वह धनबाद से अनुपमा सिंह को टिकट देने से बेहद नाराज थे। उन्होंने कहा कि विधायक अनूप सिंह की पत्नी को टिकट देकर कांग्रेस पार्टी ने कार्यकर्ताओं का अपमान किया है। लोग पूछ रहे हैं कि आखिर किस मजबूरी में कांग्रेस पार्टी ने ऐसा निर्णय लिया है ? पार्टी में धनबाद लोकसभा सीट से कुल 11 स्थानीय लोगों ने दावेदारी की थी। लेकिन जब बारी आई तो बाहर के उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर दी गई।
भीतर घात कहा नही होता है हरेक पार्टी में होता है: अनुपमा सिंह
अनुपमा सिंह ने टिकट खरीदने के आरोप के सवाल पर कहा कि, उन्हें सबूत दे की किसने खरीदने का काम किया है। मैं अभी किसी और को प्रत्याशी बनाने की मांग करूगी। उन्होंने कहा कि भीतरघात कहां नही होता है, हरेक पार्टी में होता है। आप देख रहे है की ढुलू महतो जी की पार्टी में भी हो रहा है। पार्टी के अंदर और पार्टी के बाहर उनके आने से ही लोग परेशान है। लोगो में विद्रोह भरा हुआ है। अभी ढुलू महतो प्रत्याशी है, जीते नही है, तब लोग इतने परेशान है। यह मैं जानती हूँ, उनसे तो मेरा विरोध कम ही हो रहा। वह बोकारो में प्रेस को सम्बोधित कर रही थी।