Bokaro: समाहरणालय स्थित सभागार में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) फेज-2 बोकारो अंतर्गत जिला स्तरीय ठोस एवं तरल कचड़ा प्रबंधन के विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला सफलतापूर्वक समापन किया गया है।
कार्यशाला का उद्घाटन उप विकास आयुक्त संदीप कुमार सहित अन्य पदाधिकारियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम शुभारंभ की गई। कार्यशाला में कचरा (अपशिष्ट) प्रबंधन से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों के प्रसिद्ध स्वच्छता विशेषज्ञों ने अपशिष्ट प्रबंधन और स्वच्छता के महत्वपूर्ण मुद्दों पर कार्यशाला में संबोधित किया। मौके पर जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्रीमती पूर्णिमा कुमारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी जगरनाथ लोहरा, प्रखण्ड विकास पदाधिकारी चास सहित विभिन्न पंचायतो के मुखिया उपस्थित थे।
कार्यशाला में दो महत्वपूर्ण पैनल चर्चाएं हुईं, जिनके विषय थे – 1. ठोस अपशिष्ट प्रबंधन; 2. तरल अपशिष्ट प्रबंधन; जिसमें समुदायों के बीच व्यवहार परिवर्तन प्राप्त करने के लिए आवश्यक ठोस प्रयास की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया।
■ हमें विकसित समाजों के बराबर अपनी सोच बदलने की जरूरत है-
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उप विकास आयुक्त संदीप कुमार उपस्थित थे, जिन्होंने स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए जिले की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। उन्होंने स्वच्छता और सफाई बनाए रखने में सामूहिक प्रयासों के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने अभिनव समाधानों और सामुदायिक भागीदारी की आवश्यकता पर जोर दिया गया। साथ ही उन्होंने स्वच्छता कवरेज और ग्रामीण अपशिष्ट प्रबंधन में चुनौतियों से निपटने के लिए नई तकनीकों और तरीकों को अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने आगे कहा कि हमें विकसित समाजों के बराबर अपनी सोच बदलने की जरूरत है।
■ प्लास्टिक कचरा प्रबंधन को एक महत्वपूर्ण मानदंड के रूप में माना गया है-
उप विकास आयुक्त श्री संदीप कुमार ने कहा कि प्लास्टिक उत्पाद ग्रामीण इलाकों में एक महत्वपूर्ण पर्यावरणीय चुनौती के रूप में उभरा है। इस कारण प्लास्टिक कचरा प्रबंधन को एक महत्वपूर्ण मानदंड बनाया गया है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत का सपना तभी साकार हो सकता है जब हम सभी मिलकर प्रयास करेंगे।
कार्यशाला में यूनिसेफ के राज्य सलाहकार संजय पांडेय और दिग्विजय कुमार ने भाग लिया तथा कचरे से होने वाली बीमारियों कचरा प्रबंधन व ऊर्जा संरक्षण पर जानकारी दिया। इस कार्यशाला में मुख्य रूप से ठोस व तरल कचरे को कैसे अलग करें व इलेक्ट्रॉनिक कचरे को कैसे निपटाया जाए, खाने में पोषक तत्व शामिल करने आदि विषयों पर जानकारी उपलब्ध कराई गई और जिला स्तरीय स्वच्छता पहल के लिए मूल्यवान संदर्भ और मार्गदर्शन प्रदान किया।
कार्यपालक अभियंता पेयजल स्वच्छता प्रमंडल चास श्री रामप्रवेश राम एवं कार्यपालक अभियंता पेयजल स्वच्छता प्रमंडल तेनुघाट श्री शशि शेखर सिंह ने ग्रामीण अभिसरण के बारे में बात की और कचरे के प्रबंधन में उपलब्धियों को सूचीबद्ध किया।
कार्यशाला का समापन स्वच्छ एवं स्वस्थ जिले की दिशा में काम जारी रखने के सामूहिक संकल्प के साथ हुआ। साथ ही राज्य साधना सेवी आईडीएफ श्री घनश्याम ने कहा कि विचारों और रणनीतियों के कार्यान्वयन के लिए तत्पर हैं, और हमें विश्वास है कि सभी हितधारकों के सहयोगात्मक प्रयासों से हमारे जिले में स्वच्छता और अपशिष्ट प्रबंधन में महत्वपूर्ण सुधार होगा। साथ ही सफल आयोजन के लिए सभी का धन्यवाद किया।