Bokaro Steel Plant (SAIL) Hindi News

क्या करें, DIc, ED और पोपली साहब ? हमलोग छोड़कर चलें जाये या धरना दें, यह अतिक्रमण अब बर्दास्त के बाहर…


Bokaro: बोकारो स्टील टाउनशिप के मुख्य व्यवसायिक केंद्र – सिटी सेंटर – में रहनेवाले प्लाट होल्डर्स और उनके प्लाट में चल रहे शोरूम-दुकानों के मालिक बोकारो इस्पात संयंत्र (BSL) प्रबंधन पर भयंकर रूप से नाराज है। उनके नाराजगी का कारण प्लाट के सामने बिना रोकटोक के गुमटी लगना और खुलम-खुल्ला उनका संचालित होना है। उनके अनुसार यह अतिक्रमण पिछले एक साल में काफी बढ़ा है।

लाखो-करोड़ो रुपये लगा कर सिटी सेंटर में प्लाट बनाने वाले, उसमे दुकान चलाने वाले और हर माह हज़ारो रुपये बीएसएल को मेंटेनेंस के मद में देने वाले, अब इस बढ़ते- ‘शटर युक्त लोहे की स्थायी गुमटी’-अतिक्रमण से दुखी हो चुके है। उनके व्यवसाय पर इसका सीधा असर पड़ने लगा है। साथ ही पूरा इलाका असुरक्षित हो गया है। लोग कहने लगे है कि बीएसएल के उच्च अधिकारियो को क्या सिर्फ Nexa शोरूम दिखता है, यह गुमटियां नहीं दिखती है जो अवैद्य है ।

प्लॉटहोल्डर एसोसिएशन के अध्यक्ष, राजेंद्र विश्वकर्मा ने कहा कि बीएसएल प्रबंधन के लिए क्या कानून अलग-अलग है ? बीएसएल के पॉपुलर डायरेक्टर इंचार्ज, ईडी (पर्सनेल एंड एडमिनिस्ट्रेशन) और सीजीएम टाउनशिप न इस बढ़ते अतिक्रमण को रोकने में असमर्थ अधिकारियो पर कार्रवाई कर रहे है, न अतिक्रमण रोक रहे है। सब गोल-माल लग रहा है।

यहां प्लॉटहोल्डर्स काफी परेशान है। और जब तक इस परेशानी का हल बीएसएल प्रबंधन नहीं ढूंढ़ लेता, तब तक अब हममे से कोई भी प्लॉटहोल्डर महीने का चार्ज या बिल नहीं देगा। विश्वकर्मा ने कहा बताइये बिजली का हज़ारो रुपये का बिल हम दें, गुमटी वाले फ्री में बिजली जलाये। सफाई का खर्च हमलोग दें, गुमटी वाले फ्री में गन्दा करें। प्लाट होल्डरों कि दुकानदारी प्रभावित हो रही है। क्या चाहता है बीएसएल प्रबंधन, हमलोग सब छोड़कर चले जाये ?

बीएसएल के खिलाफ प्लाट होल्डरों में गुस्सा इस कदर बढ़ गया है की आज उन्होंने मीटिंग कर प्रत्येक माह बीएसएल को दिए जाने वाले बिल का भुगतान करने से मना कर दिया है। गुस्साए प्लाट होल्डरों ने डायरेक्टर इंचार्ज अमरेंदु प्रकाश, ईडी, सीजीएम के साथ-साथ एमपी धनबाद, पी एन सिंह और बोकारो विधायक, बिरंचि नारायण को भी पत्र भेजकर अपने बेचैनी और गुस्से का एहसास कराया है। इस मामले में भेजे गए पत्र में निम्लिखित बातों पर ध्यान आकृष्ट किया गया है:

इस मामले में बीएसएल प्रबंधन से ब्यान लेने की कोशिश की गई, पर नहीं मिला। जैसे बीएसएल का पक्ष मिलेगा उसे वैसे ही यहां डाल दिया जायेगा।

 


Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!