Bokaro Steel Plant (SAIL) Hindi News

गैरों में कहां दम था: अतिक्रमण रोकने में अपने ही अफसरों की पैरवी से बढ़ीं Bokaro Steel की मुश्किलें


Bokaro: स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAIL) का शीर्ष प्रबंधन बोकारो स्टील सिटी में हुए अतिक्रमण के लिए शहर के ‘सामाजिक-आर्थिक-राजनीतिक’ परिवेश को जिम्मेदार मानता है। वहीं, बीएसएल (BSL) द्वारा अतिक्रमण हटाने में जुटी टीम को अपने ही अधिकारियों की पैरवी से सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। जानकारों का कहना है कि जब तक सेल-बीएसएल प्रबंधन अपने आंतरिक खामियों को दूर नहीं करता, तब तक कोई भी बाहरी एक्शन प्लान कारगर नहीं होगा। Join Whatsapp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1xVideo नीचे-

ईमानदार अधिकारियों का मनोबल गिरा, सीनियर से शिकायत करने में झिझक
अतिक्रमण हटाओ अभियान में जाने वाले ईमानदार अधिकारी इस समस्या से जूझ रहे हैं। लेकिन वे अपने वरिष्ठ अधिकारियों से कुछ भी कहने से कतराते हैं। क्योंकि पैरवी करने वाले शीर्ष अधिकारियों के करीबी होते हैं। ऐसे में सजग और ईमानदार अधिकारियों का मनोबल प्रभावित हो रहा है। पिछले कुछ महीनों से अतिक्रमण हटाओ अभियान की गतिविधियों की वीडियो रिकॉर्डिंग की जा रही है, ताकि स्थिति पर नजर रखी जा सके। हालांकि कुछ मामले प्रकाश में आए है, लेकिन उन्हें दबा दिया गया या हलके में लिया गया है।

अवैध कब्जाधारियों की पैरवी से परेशान अधिकारी, जीएम के फोन ने अभियान को रोका
अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान कुछ घटनाओं में बीएसएल के अधिकारी उस समय हैरान रह गए, जब अवैध रूम, गैराज, दूकान आदि बनाये लोगो ने बीएसएल के एक जीएम का नाम लेकर उन्हें छोड़ने की गुहार लगाई। जब बात नहीं बनी, तो उन्होंने जीएम को फोन मिलाकर अधिकारी से बात करवाई। जीएम के कहने पर टीम को वहां से लौटना पड़ा, जिससे अभियान बाधित हो गया। Join Whatsapp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x

लंबे समय से जमे अधिकारियों का दबदबा, नगर प्रशासन के फरमान से बढ़ी परेशानी
सूत्रों के अनुसार, ज्यादातर पैरवी करने वाले अधिकारी नगर प्रशासन में कई वर्षों से जमे हुए हैं। ये अधिकारी बीएसएल के उच्चाधिकारियों के प्रिय भी हैं इसलिए लोग मन मसोस कर रह जाते हैं, और इनकी ताकत के आगे वे कुछ नहीं कह पाते। हाल के दिनों में सिटी सेंटर, लक्ष्मी मार्किट और अन्य सेक्टरों में अतिक्रमण के मामलों में वृद्धि हुई है। विशेष रूप से नगर प्रशासन के ’24 फीट पीछे हटने’ के फरमान ने अतिक्रमण में पक्कीकरण को और बढ़ावा दिया है। बीएसएल का विजिलेंस भी आँख मूंदे हुए है।

अमरेंदु प्रकाश के कार्यकाल में शुरू हुआ अभियान, रोटेशन में लगाए गए 15 जीएम
बीएसएल के नगर प्रशासन विभाग ने पूर्व डायरेक्टर इंचार्ज अमरेंदु प्रकाश के कार्यकाल से एक विशेष तरीके से अतिक्रमण हटाओ अभियान शुरू किया है। इस अभियान में नगर प्रशासन के विभिन्न विभागों के 15 जनरल मैनेजर (GM) लगाए गए हैं, जो रोटेशन के अनुसार इस अभियान का नेतृत्व करते हैं। एक जीएम की महीने में दो बार ड्यूटी लगाई जाती है। Join Whatsapp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x

अभियान के दिन का निर्धारण रहता है गोपनीय
इस अभियान की विशेषता है कि किस जीएम की ड्यूटी किस दिन पड़ेगी, यह किसी को पहले से पता नहीं होता है। सुबह ऑफिस पहुंचने पर सीजीएम (CGM) नगर प्रशासन कुंदन कुमार के ऑफिस से संबंधित जीएम को फोन किया जाता है, जिसके बाद उन्हें अभियान का नेतृत्व करना पड़ता है। किस सेक्टर में कहां अतिक्रमण हटाना है, यह सीजीएम ऑफिस ही तय करता है। लेकिन इस दौरान, अभियान में शामिल अधिकारियों को अक्सर बीएसएल के दिग्गज अधिकारियों के पैरवी वाले फोन आते हैं, जिसमें ‘कार्रवाई नहीं करने’ या ‘कुछ दिनों की मोहलत देने’ या ‘साहब से पूछ कर बनाये है’ की बातें की जाती हैं, जिससे अधिकारी मजबूर होकर लौटने पर विवश हो जाते हैं। Join Whatsapp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x

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