बोकारो और चास की सड़कों पर इस वर्ष रामनवमी के जुलूस में नारी शक्ति का अद्भुत प्रदर्शन देखने को मिला। पारंपरिक परिधानों में सजी महिलाएं जब डंडा, तलवार और लाठी चलाती दिखी। महिला शक्ति, भक्ति और परंपरा का अनोखा संगम देखते बना।आयोजन समिति करती है विशेष तैयारी: See Video…..
आयोजन समिति महिलाओ के लिए विशेष व्यवस्थाएं की थी। सुरक्षा, मंच व्यवस्था और स्वागत समारोह सभी में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की गई थी। समिति के अनुसार, इस बार 30 से अधिक अखाड़े जुलूस में भाग ले रहे हैं, जिनमें महिला की भागीदारी रही।
हर चौक पर होता है भव्य स्वागत
रामनवमी का यह जुलूस बोकारो और चास के विभिन्न क्षेत्रों से होकर भक्ति और उल्लास के साथ राम मंदिर पर समाप्त होता है। पूरे मार्ग में स्थानीय लोग अखाड़ों का स्वागत करते हैं, ढोल-नगाड़े गाना बजता रहा, और जय श्रीराम के नारों से वातावरण गूंजता है।
राजनीतिक सरगर्मियां भी रहती हैं तेज
विधायक श्वेता सिंह भी कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लेती हैं और महिला प्रतिभागियों की हौसला अफजाई करती हैं। वहीं झामुमो के नगर अध्यक्ष मंटू यादव इस अवसर पर कहते हैं, “रामनवमी हमारी संस्कृति और एकता का प्रतीक है। महिलाओं की भागीदारी देखकर गर्व होता है।”
जिले की महिला नेतृत्व से बढ़ा आत्मविश्वास
महिलाओं का कहना है कि इस बार उनका आत्मबल पहले से कहीं अधिक मजबूत है। इसका कारण है कि जिले की विधायक श्वेता सिंह, उपायुक्त विजया जाधव और चास की एसडीओ प्रांजल ढांडा—तीनों पदों पर महिलाएं कार्यरत हैं। “जब प्रशासन में महिलाएं हैं, तो हमें डर कैसा? अब हम भी खुलकर जुलूस में हिस्सा ले रही हैं,” एक महिला प्रतिभागी उत्साहित होकर कहती हैं।