Bokaro: ज़िले में तंबाकू की बिक्री और सेवन पर अंकुश लगाने के लिए जिला प्रशासन की कोटपा प्रवर्तन टीम ने पिछले 12 महीनों में 365 दुकानों और गुमटी पर छापेमारी कर करीब 60,000 रुपये जुर्माना वसूला है। टीम ने सार्वजनिक स्थानों पर तंबाकू का सेवन करते पकड़े गए व्यक्तियों पर भी जुर्माना लगाया है। विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर अधिकारियों ने कहा कि यह अभियान जारी रहेगा।
31 मई को विश्व तंबाकू दिवस के रूप में मनाया जाता है। तंबाकू के दुष्परिणामों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए एक रथ को झंडी दिखाकर रवाना किया गया है। रथ में संदेश था ‘तंबाकू हमारे पर्यावरण के लिए खतरा है’। नोडल अधिकारी एनपी सिंह ने लोगों को शपथ लेने की अपील की कि वे तंबाकू का सेवन नहीं करेंगे। यह स्वास्थ्य बुरा प्रभाव डालता है।
एनसीडी के नोडल अधिकारी एनपी सिंह ने कहा, झारखंड में वर्तमान में 59.7 फीसदी पुरुष, 17 फीसदी महिलाएं, कुल 38.9 फीसदी वयस्क तंबाकू का सेवन करते हैं। 22.5% वयस्क सार्वजनिक स्थानों पर अनजाने में धूम्रपान के संपर्क में हैं। खैनी 26.6 प्रतिशत और गुटखा 10.6 प्रतिशत सबसे अधिक इस्तेमाल किए जाने वाले तंबाकू पदार्थ हैं।
जिला सलाहकार तंबाकू नियंत्रण, मोहम्मद असलम ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के सर्वेक्षण में दावा किया गया है कि अब तक तंबाकू उत्पादों के निर्माण के लिए 600,000,000 से अधिक पेड़ काटे जा चुके हैं। तंबाकू के सेवन से 84,000,000 टन कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) के उत्सर्जन के कारण वैश्विक तापमान बढ़ रहा है। तंबाकू उत्पादन में 22,000,000,000 लीटर कीमती पानी बर्बाद हो जाता है। इससे पता चलता है कि तंबाकू हमारे पर्यावरण को कैसे नुकसान पहुंचा रहा है।
तंबाकू से होने वाले दुष्परिणामों के प्रति जागरुकता के लिए यह पूरा सप्ताह मनाया जाएगा, जिसमें विभिन्न गतिविधियां की जाएंगी ताकि अधिक से अधिक लोग जागरूक हो सकें।