Bokaro: झारखंड के कई ज़िलों में बढ़ती ठंड के मद्देनज़र स्थानीय प्रशासन द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर अलाव जलाने और अन्य राहत उपायों की पहल की गई है। रांची, गिरिडीह और दूसरे ज़िलों के DC अलाव जलाने की व्यवस्था करने की पहल कर रहे हैं। बोकारो में पारा 10 डिग्री तक गिरने के बावजूद, कोई पक्का इंतज़ाम नहीं दिख रहा है, जिससे आम लोगों, खासकर गरीब और बेघर लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इसी को लेकर सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेताओं ने जिला प्रशासन की निष्क्रियता पर नाराज़गी जताई है।
दिसंबर के पहले सप्ताह में ही बोकारो में ठंड तेज़ हो गई है, लेकिन जिला प्रशासन द्वारा अलाव या कंबल वितरण जैसी मूलभूत राहत व्यवस्थाएं शुरू नहीं की गई हैं। इस देरी को लेकर झामुमो कार्यकर्ताओं में असंतोष बढ़ रहा है, जो दावा कर रहे हैं कि संकट की इस घड़ी में प्रशासन की प्रतिक्रिया बेहद धीमी है।

रविवार को झामुमो नगर अध्यक्ष मंटू यादव ने जिला प्रशासन से अपील की है कि ठंड और शीतलहर की गंभीरता को देखते हुए बोकारो के दैनिक मज़दूरों, बेघरों और कमजोर वर्गों की सुरक्षा और सुविधा को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने बोकारो के उपायुक्त से आग्रह किया कि सार्वजनिक स्थलों पर तत्काल प्रभाव से अलाव की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने मांग की कि शहर के प्रमुख चौराहों से लेकर ग्रामीण इलाकों तक उन सभी संवेदनशील जगहों की तुरंत पहचान की जाए, जहां बड़ी संख्या में मज़दूर, प्रवासी, राहगीर और बेघर लोग रात गुजारते हैं या गुजरते हैं। इन स्थानों पर तत्काल अलाव की व्यवस्था कर ठंड से राहत प्रदान की जानी चाहिए।
इसके साथ ही यादव ने कहा कि प्रशासनिक टीमें अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रिय रहें, ताकि किसी भी आकस्मिक स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके। मानवीय दृष्टिकोण अपनाने पर जोर देते हुए मंटू यादव ने कहा कि इस कठिन समय में जिला प्रशासन को गरीब और वंचित वर्ग की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संवेदनशीलता के साथ काम करना चाहिए।

