Bokaro: पत्रकार व लेखक दीपक सवाल की नई पुस्तक “एक और अयोध्या…अयोध्या पहाड़” का विमोचन शुक्रवार को मुख्य अतिथि उपायुक्त राजेश सिंह ने समाहरणालय के सभाकक्ष में किया। झारखण्ड के लेखकों की दुनिया में दीपक सवाल एक जाना माना नाम है। अयोध्या उनकी आठवीं पुस्तक है। इसके पहले उनकी लिखी हुई पुस्तक “मैं बोकारो ” काफी चर्चित रही है। दीपक सवाल की लिखी हुई पुस्तक की यह खास बात रहती है, की वह हमेसा किसी खास जगह या इलाके को केंद्रित कर लिखते है। उनकी किताबो में पत्रिकारिता का शुरूर रहता है, तो लेखक की कोमलता और भावनामक्ता भी रहती है। उनकी द्वारा लिखी गयी पुस्तक “अयोध्या ” उस पहाड़ की पावन खूबसूरती को इस तरह दर्शाती है, की जो भी एक बार इस किताब को पढ़ लेगा, वह अपने आप को उन वादियों में जाने से रोक नहीं पायेगा।
दीपक सवाल का कहना है की उनका एक बार अयोध्या पहाड़ जाना, उनके अंदर के लेखक को इस हद तक जगा दिया, की उसकी खूबसूरती बयां करने के लिए उन्हें किताब लिखनी पड़ी। स्तिथि यह है की जिस प्रकाशक ने उनकी किताब पढ़ी वह भी अपने आप को अयोध्या पहाड़ जाने से रोक नहीं पाया। इस अवसर पर उपायुक्त राजेश सिंह ने लेखक व पत्रकार को शुभकामना देते हुए कहा कि यह एक अच्छा प्रयास है। इस तरह की पुस्तकें प्रकाशित होने से लोगों को पर्यटन की ओर अधिक से अधिक आकर्षित करेगी। साथ ही बिलुप्त होती संस्कृति को बचाने और पर्यटन को बढ़ावा भी बढ़ावा मिलेगा।


■ अयोध्या पहाड़ हाल के एक दशक में पर्यटन का एक बड़ा केंद्र बनकर उभरा है-
पुस्तक के लेखक दीपक सवाल ने बताया कि यह पुस्तक झारखंड व बंगाल की सीमा पर स्थित पुरुलिया जिला के अयोध्या पहाड़ पर केंद्रित है। उन्होंने बताया कि अयोध्या पहाड़ हाल के एक दशक में पर्यटन का एक बड़ा केंद्र बनकर उभरा है। विशाल भूभाग में फैला यह पहाड़ अपने आंचल में प्राकृतिक, धार्मिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक विरासत की अनेक विशेषताओं को समेट रखा है।
यहां की खासियत यह है कि पर्यटकों को यहां हर दो कदम की दूरी पर कुछ नया, कुछ रोचक और कुछ अद्भुत देखने को मिलता है। इसकी एक और विशेषता यह है कि इस पहाड़ पर लगभग 92 छोटे-बड़े गांव बसे हैं और सभी पूर्णतः आदिवासी बहुल गांव हैं। यह स्थल जनजातियों की मूल संस्कृति का अद्भुत और बेजोड़ नमूना है। इन सभी गांवों की जीवन शैली, समाज संरचना, सांस्कृतिक मूल्य, या यूं कह लें कि पूरी संस्कृति आदिवासियत का जीवंत उदाहरण बना हुआ है।
बुद्ध पूर्णिमा के दिन मनाया जाने वाला शिकार उत्सव यहां का मूल उत्सव है। हर वर्ष करीब ढाई-तीन लाख लोग इसमें शामिल होते है। उन्होंने बताया कि इस लघु पर्वतममाला की विशेषता यह है कि यहां कुछ दिन का समय व्यतीत करने के लिए सारा कुछ मौजूद है। डैम, पहाड़, झरने, घाटियां, मंदिर समेत वह सब-कुछ, जो एक प्रकृति प्रेमी अथवा पर्यटक को चाहिए। पहाड़ पर 7 डैम बने हैं। इसमें पन बिजली घर भी स्थापित है। यही कारण है कि यह पर्यटन का विशेष केंद्र बन चुका है।
साथ ही बताया कि अयोध्या पहाड़ पर कोई पुस्तक नहीं होने के कारण पर्यटकों की परेशानी को देखते हुए यह पुस्तक तैयार की गई है। पुस्तक विमोचन के दौरान उप विकास आयुक्त जयकिशोर प्रसाद, अपर नगर आयुक्त शशिप्रकाश झा, सभी जिला स्तरीय पदाधिकारी सहित अन्य उपस्थित थे।
दीपक सवाल द्वारा लिखी गई पुस्तकें कुछ इस प्रकार है:
