Bokaro: बोकारो में इस साल अप्रैल से लेकर नवंबर के बीच कोरोनाकाल में, छह एचआईवी पॉजिटिव गर्भवती महिलाओ ने शिशुओं को जन्म दिया। ख़ुशी की बात यह है कोई भी बच्चा एचआईवी पॉजिटिव नहीं हुआ न ही कोविद-19 के वायरस से संक्रमित हुआ। सभी बच्चे स्वस्थ जीवन जी रहे है। उन बच्चो के एचआईवी माता-पिता को मानो जैसे नए ज़िन्दगी मिल गयी हो। उनके ख़ुशी का ठिकाना नहीं है। इस कार्य का श्रेय सदर हॉस्पिटल में संचालित ICTC सेंटर को जाता है।
यह बता दे की इस ICTC सेंटर ने पिछले तीन सालो में ऐसी 18 महिलाओ, जो एचआईवी पॉजिटिव है, उनके गर्भधारण से लेकर डिलीवरी तक पूरा सहयोग किया। उनके मेहनत से उक्त 18 महिलाओ में से किसी एक का भी बच्चा एचआईवी पॉजिटिव नहीं है। सब के सब तंदुरस्त बच्चे है जो एक अच्छी ज़िन्दगी जी रहे है। यही नहीं ICTC सेंटर की काउंसेलर नीरा सिंह बताती है की एचआईवी पॉजिटिव लड़कियों की शादी भी एचआईवी लड़को से करवाने में उनका सहयोग रहा है। वह आज अच्छी ज़िन्दगी जी रहे है। ख़ुशी की बात यह है उनके भी बच्चे एचआईवी पॉजिटिव नहीं है।

नीरा सिंह बताती है की आजकल बहुत अच्छी दवाइया आ गयी है। जिससे समय से देने से प्रेगनेंसी में बच्चो को एचआईवी पॉजिटिव होने से बचाया जा सकता है। अधिकतर एचआईवी पॉजिटिव महिलाओ की डिलीवरी नार्मल कराई जाती है। मंगलवार को विश्व एड्स दिवस पर, ब्लॉक और जिला स्तर पर कई जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। बोकारो के सिविल सर्जन डॉ ए के पाठक ने कहा कि वर्तमान में बोकारो में 700 एचआईवी पॉजिटिव मरीज हैं। आईसीटीसी सेंटर में सभी मरीजों का इलाज चल रहा है और सब स्वस्थ जीवन जी रहे हैं।
इस साल 1169 सामान्य लोगों का परीक्षण किया गया, जिनमें से 21 के एचआईवी पॉजिटिव के होने का पता चला। वही इस साल 19,592 गर्भवती महिलाओं का एचआईवी परीक्षण किया गया और उनमें से छह महिलाये पॉजिटिव पायी गयी। हालांकि जागरूकता के बावजूद, संक्रमित रोगियों की संख्या बढ़ रही है। एक साल में जिले में लगभग 100 नए एचआईवी संक्रमित लोग पाए गए। यह मामले चास, बेरमो और गोमिया में अधिक मिले। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, इस क्षेत्र के अधिकांश लोग मुंबई, कोलकाता और अन्य महानगरों में प्रवासी श्रमिक हैं जब वे लौटते हैं तो वे वायरस साथ ले आते हैं।
नीरा सिंह ने कहा कि एचआईवी रोगियों के लिए ये बहुत प्रभावी दवाएं हैं, जो उनकी इम्युनिटी बनाए रखती हैं और उन्हें एक सामान्य स्वस्थ जीवन जीने में मदद करती हैं।
