Bokaro : पांच साल बाद सोमवार को फिर से सृजित हुए जोनल आईजी, बोकारो के पद पर 1998 बैच की आईपीएस अफसर प्रिया दूबे ने पदभार ग्रहण किया। दुबे ने पहले दिन पुलिस अधिकारियों से मीटिंग और फ़ोन में बात कर क्राइम, लॉ एंड आर्डर, नक्सल आदि मामलों का रिव्यु किया और जरुरी दिशानिर्देश दिए। बता दे की दुबे दुमका आईजी के भी अतिरिक्त चार्ज में है।
दुबे ने पहले दिन ऑफिस सँभालते ही अपनी प्राथमिकताएं साफ़ बता दी। उन्होंने कहा की उन्हें ‘People -Freindly’ पुलिसिंग चाहिए। पुलिस वालो को यह मानसिकता छोड़ देनी होगी की वह बिना जनता के सहयोग से कुछ अनोखा कर देंगे। उन्हें यह समझना होगा की जनता की मदद लेकर जितना वह अच्छा कर सकते है, उस मुकाबले वह अकेले बहुत कम कर पाएंगे। इसलिए पुलिसिंग हमेशा जनता के कारपोरेशन से हो।

थानों में लोगो के साथ अच्छा व्यवहार हो, कम्प्लेन सुनी जाये और समय पर उचित कार्यवाही की जाये। इसे हमे सुनिश्चित करना होगा। कमजोर और गरीब तबके के लोगो के साथ भेद-भाव न हो। दुबे ने यह भी कहा की आम जनता, महिलाओं को, बच्चो को सुरक्षा की फीलिंग होनी चाहिए। ऐसी फीलिंग होनी चाहिए की पुलिस उनकी मदद कर रही है, प्रशासन उनके लिए है। पुलिस के साथ जनता का अच्छा समन्वय बन सके यह बहुत ही इम्पोर्टेन्ट है।
दुबे ने माना की साइबर क्राइम आज के दौर में पुलिस के लिए मुख्य चुनौती बना हुआ है। जिसकी रोकथाम बहुत महत्वपूर्ण है। लॉ एंड आर्डर सुचारु चले और क्राइम कण्ट्रोल हो यह भी जरुरी है जिसके लिए उन्होंने निर्देश दिए है। दुबे ने यह साफ़ कह दिया की कोई भी उग्रवादी घटना नहीं होनी चाहिए और नक्सल गतिविधियों में रोक लगेगी। इसके लिए नक्सल अभियान को मजबूती दी जाएगी। बोकारो एसपी चन्दन कुमार झा भी मीटिंग में थे।
बता दे की 2016 में भाजपा सरकार ने राज्य में जोनल आईजी के सभी चार पदों को समाप्त कर दिया था। जिसे झामुमो सरकार ने फिर से स्वीकृत कर दिया है। बोकारो जोनल आईजी के जिम्मे बोकारो, धनबाद, रामगढ़, हजारीबाग, चतरा, कोडरमा, गिरिडीह, दुमका, पाकुड़, गोड्डा, देवघर, जामताड़ा और साहिबगंज जिले आयेंगे।
