Bokaro: फिल्म जगत के मशहूर संगीतकार राहुल देव बर्मन (आरडी बर्मन) की पुण्यतिथि पर सोमवार की देर शाम सेक्टर 12 बी में संगीत संध्या आयोजित कर कलाकारों ने उन्हें सुरमयी श्रद्धांजलि दी। संगीतप्रेमी व वरिष्ठ रंगकर्मी राजेन्द्र कुमार ने कहा कि आरडी बर्मन बहुत ही गुणी संगीतकार थे। फिल्म संगीत को लोकप्रियता दिलाने में उनका प्रशंसनीय योगदान रहा। अपने यशस्वी संगीतकार पिता एसडी बर्मन की विरासत को उन्होंने बहुत ही कुशलता से आगे बढ़ाया।
गायक अरुण पाठक ने कहा कि आरडी बर्मन प्रतिभाशाली संगीतकार थे। भारतीय शास्त्रीय संगीत के साथ ही पाश्चात्य संगीत का भी उन्हें अच्छा ज्ञान था। शास्त्रीय रागों पर आधारित धुनें हों या फिर पाश्चात्य संगीत पर आधारित उनके हर तरह के गीत काफी लोकप्रिय हुए और उनकी लोकप्रियता आज भी बरकरार है।

रमण कुमार ने कहा कि आरडी बर्मन व किशोर कुमार की जोड़ी ने कई अविस्मरणीय गीत दिए। चंचल सरकार ने कहा कि आरडी बर्मन की बनाई हुई धुनें आज भी काफी लोकप्रिय हैं। नीरज सिंह ने कहा कि परंपरा व आधुनिकता का अद्भुत सम्मिश्रण उनके गीतों में मिलता है।
संगीत संध्या में अरुण पाठक ने ‘सुहानी चांदनी रातें हमें सोने नहीं देती…’, ‘प्यार दीवाना होता है मस्ताना होता है…’, ‘जिस गली में तेरा घर न हो बालमा…’, ‘मैंने पूछा चांद से कि देखा है कहीं…’, ‘रिमझिम गिरे सावन सुलग-सुलग जाए मन…’, ‘जिस गली में तेरा घर न हो बालमा…’ आदि गीत सुनाकर सबको आनंदित किया। रमण कुमार ने ‘एक अजनबी हसीना से…’, ‘कभी बेकसी ने मारा…’, ‘चांद मेरा दिल..’, ‘तुमने मुझे देखा…’, अमोद श्रीवास्तव ने ‘दीये जलते हैं…’, ‘जिंदगी के सफर में गुज़र जाते हैं जो मकाम…’, ‘मेरी भींगी भींगी सी…’ व ‘आज तू गैर सही..’ की सुमधुर प्रस्तुति की।
