Bokaro: सरकारी आकड़ो के अनुसार बोकारो में 1700 से ज्यादा कोरोना के एक्टिव केसस हो गए है। अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहे है। लोग बेबस है। चाहे वह बोकारो जनरल अस्पताल (बीजीएच) हो या कोई प्राइवेट अस्पताल, पूछने पर ‘बेड नहीं है’ से ही बात शुरू हो रही है। हर तरफ असमंजस की स्तिथि है। कुछ भी साफ़ नहीं है। बोकारो में ऑक्सीजन है, पर बेड नहीं है। कही बेड और ऑक्सीजन है, तो डॉक्टर नहीं है। ऐसी कुव्यवस्था के आगे हारे लोग, अब अपना दर्द बयां नहीं कर पा रहे है। अंदर ही अंदर घुट कर, रोकर, बददुआ देकर रह जा रहे है।
ऐसे माहौल में पांच दिन पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा एक राहत भरी खबर आई थी। उन्होंने कहाँ था की कोविड मरीजों को राहत पहुंचाने के लिए राज्य भर में 1824 नए ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड क्रियाशील हुए है। जिसमे बोकारो के बीजीएच अस्पताल में ऑक्सीजन सपोर्टेड न्यूनतम 50 और अधिकतम 170 बेड अतिरिक्त क्रियाशील होने की बात कही गई थी। पर आज तक मुख्यमंत्री के उक्त घोषणा के अनुसार एक भी बेड क्रियाशील नहीं हुआ।

170 बेड छमता वाले वार्ड 5 को बीजीएच प्रबंधन ने जिला प्रसाशन और स्वास्थ विभाग को हैंडओवर कर दिया है। पर सोमवार शाम तक उस वार्ड में एक भी कोवीड मरीज की भर्ती नहीं हुई। मुख्यमंत्री के घोषणा के बावजूद जिला स्वास्थ विभाग एक-एक दिन करके टाल रहा है। चार डॉक्टरों और अन्य स्टाफ की ड्यूटी उक्त कोरोना वार्ड में लगाई गई है, पर मरीजों के भर्ती के विषय में पूछने पर बहाने कई बताये जा रहे है। सिविल सर्जन से पूछने पर उन्होंने कहा की उक्त कोरोना वार्ड को मरीज रखने के लिए तैयार किया जा रहा है।
बता दे बीजीएच ने जिस वार्ड 5 को जिला स्वास्थ विभाग के सुपुर्द किया है वहा पहले से ही कोवीड वार्ड चल रहा था। वहां बेड के साथ ऑक्सीजन फैसिलिटी भी अच्छी है। बीजीएच अपने कोरोना के मरीजों को नीचे वार्ड 3 में शिफ्ट कर रहा है। बताया जा रहा है कि बीजीएच अस्पताल परिसर में 170 बेड का कोरोना वार्ड अब उसका प्रबंधन चलाएगा और 174 बेड का दूसरा करना वार्ड जिला स्वास्थ विभाग चलाएगा। यानि कुल 340 कोरोना के बेड 50 :50 के तर्ज़ पर दोनों चलाएंगे।
बीजीएच ने बताया की उसके यहां 220 कोरोना के मरीज है। जिला स्वास्थ विभाग ने अपना वार्ड चालू नहीं किया है। उसके चालू हो जाने के बाद आम लोगो क लिए बेड की किल्लत थोड़ी कम हो जाएगी।
आपदा के इस दौर में जहा अस्पताल में एक-एक ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड अनमोल है। उस वक़्त, कोरोना वार्ड संचालित करने में हो रही देरी, वह भी राज्य के मुख्यमंत्री के घोषणा के बाद, अत्यंत कष्टकारी है। जिन मरीजों को अस्पताल में बेड नहीं मिल रहा है, वह लोग प्रसाशन और सरकार के ऐसी बदइंतजामी पर जमकर कोस रहे है।
बढ़ते कोरोना के संक्रमण के साथ ऑक्सीजन बेड की जरुरत बढ़ती जा रही है। बोकारो जनरल अस्पताल ने दो हफ्ते पहले से ही अपने कोटे में प्राइवेट मरीजों (नॉन-बीएसएल) कोरोना के मरीजों को सीधे एडमिशन लेने से मना कर रहा है। अगर जल्द ही आमजनो के लिए स्वास्थ विभाग ने बीजीएच में अपना वार्ड नहीं खोला तो स्तिथि और भी बतर हो जाएगी।
