Bokaro: दर्द में तड़पती-चिल्लाती आई 30 वर्षीय कोरोना पॉजिटिव गर्भवती महिला को सदर अस्पताल ने लौटाया या रेफेर नहीं किया, बल्कि प्राइवेट डॉक्टर बुलाकर सीज़ेरियन ऑपरेशन करा उसकी जान बचाई। सदर अस्पताल के प्रबंधन ने उस गर्भवती महिला की जान बचाने के लिए वह हर कुछ किया जो शायद किसी भी बड़े प्राइवेट अस्पताल में होता। शहर के प्राइवेट अस्पतालों ने उक्त गर्भवती महिला को कोरोना पॉजिटिव जान इलाज करने से मना कर दिया था।
शनिवार रात करीब आठ बजे दर्द में चीखते जब महिला सदर अस्पताल पहुंची तो लोगो ने वहां पदस्थापित महिला डॉक्टर (ज्ञानेकोलॉजिस्ट) को सुचना दे बुलाना चाहा पर उनसे संपर्क नहीं हो पाया। जब यह बात सदर अस्पताल के डिप्टी सुप्रिटिंडेंट डॉक्टर एन पी सिंह और मैनेजर पवन कुमार श्रीवास्तव को पता चली तो उन्होंने हार नहीं मानी और न ही उस महिला को रेफर किया, बल्कि प्राइवेट डॉक्टर निरुपमा से मदद मांगी और सदर अस्पताल में सर्जरी करा महिला और उसके बच्चे की जान बचाई। डॉक्टर निरुपमा को उनके इस सहयोग के लिए जिला प्रसाशन ने काफी सराहा है।

बता दे की डॉक्टर निरुपमा बीमार थी और आज ही उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। शरीर में दर्द और कमजोरी के बावजूद वह डॉक्टर एन पी सिंह के अनुरोध पर महिला के इलाज को तैयार हो गई। और बिना देर किये सदर अस्पताल पहुंच गई। महिला की हालत नाजुक देख सीज़ेरियन ऑपरेशन करने का फैसला किया। उन्होंने पाया की बच्चा गर्भ में मल त्याग कर उसको पी लिया था ( Muconium stained liquor )। इसलिए ऑपरेशन करना बेहद ही जरुरी था। सदर अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर पंकज भूषण भी सुचना मिलते ही सदर अस्पताल पहुंच गए।
डॉक्टर एन पी सिंह ने बताया की संडे बाजार, फुसरो निवासी 30 वर्षीय महिला लेबर पेन होने पर पहले कई प्राइवेट अस्पतालों में गई, पर उनका कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव देख किसी ने भी उन्हें भर्ती नहीं किया। सब दवाज़ा बंद देख उसके परिजन दर्द में कराहती महिला को सदर अस्पताल ले आये। हालांकि सदर में भी दोनों ज्ञानेकोलॉजिस्ट से संपर्क नहीं हो पाया। पर जैसे ही मामले की जानकारी उन्हें मिली उन्होंने तुरंत उस महिला को भर्ती करने को कहाँ और समुचित इलाज के व्यवस्था में लग गए।
डॉक्टर एन पी सिंह ने कहाँ की महिला की हालत देख उन्होंने अंदाज़ा लगा लिया की उसकी हालत काफी गंभीर है और रेफेर करना मानवता के दृष्टि में उचित नहीं है। बिना समय गवाए उन्होंने प्राइवेट ज्ञानेकोलॉजिस्ट डाक्टर निरुपमा से महिला को बचाने का अनुरोध किया जिसे वह मान गई। सदर अस्पताल के एनेस्थटेटिक्स डॉक्टर महेंद्र भी बुलाने पर आ गए। उसके बाद डॉक्टर्स के पूरी टीम महिला को बचाने में लग गए।
डॉक्टर निरुपमा ने आधे घंटे के अंदर अपनी टीम के साथ महिला का सीज़ेरियन ऑपरेशन कर बच्चे को बचा लिया। डॉक्टर एन पी सिंह ने बताया ऑपरेशन सफल रहा दोना महिला और उसका बच्चा खतरे के बाहर है। अगर थोड़ी देर और हो जाती तो मामला बिगड़ सकता था। उन्होंने डॉक्टर निरुपमा, डॉक्टर पंकज भूषण के साथ-साथ डॉक्टर महेन्द्रे, सिस्टर अंजू, श्रावणी, संजीत, मुकेश कुमार, मंतोष और अन्य टीम के सदस्यों की काफी सराहना की।
