Education Hindi News

DPS Bokaro में नई शिक्षा नीति को धरातल पर उतारने का प्रयास, शिक्षकों की क्षमता-निर्माण कार्यशाला शुरू


Bokaro: नई शिक्षा नीति (NEP) 2020 के उद्देश्यों को धरातल पर उतारने की दिशा में डीपीएस बोकारो की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में अनुभव आधारित शिक्षा (एक्सपेरिएंशियल लर्निंग) को बढ़ावा देने तथा इससे विद्यार्थियों को लाभान्वित के निमित्त शनिवार को शिक्षकों के लिए विद्यालय में दो-दिवसीय क्षमता-निर्माण कार्यशाला शुरू हुई।

साधनसेवी (रिसोर्स पर्सन्स) के रूप में उक्त विषय की विशेषज्ञ बाल भारती पब्लिक स्कूल, औरंगाबाद (बिहार) की प्राचार्या साओली दत्ता एवं विद्या विकास पब्लिक स्कूल, रांची की विभागाध्यक्ष (अंग्रेजी) प्रेमलता कुमारी उपस्थित रहीं।

सीबीएसई सेंटर आफ एक्सीलेंस (सीओई), पटना की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में बोकारो जिले के विभिन्न विद्यालयों से 60 से अधिक शिक्षकों ने भाग लिया। उन्हें प्रश्नोत्तरी एवं अंतःक्रिया सत्र सहित अन्य एक्टिविटी के जरिए एक्सपेरिएंशियल लर्निंग के हर पहलू की जानकारी दी गई। साथ ही, पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन एवं व्यावहारिक प्रयोगों के माध्यम से रुचिकर अध्यापन के टिप्स भी दिए।

दत्ता ने सतत ज्ञानार्जन के लिए सदैव सीखते रहने की अनिवार्यता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि अनुभव आधारित शिक्षा आज बदलते शैक्षणिक परिवेश और समय की मांग है। ज्ञान की दुनिया केवल विद्यालय की कक्षा और किताबों तक ही सीमित नहीं है। इसके बाहर भी सीखने और समझने के असीम अवसर हैं और अनुभव-आधारित शिक्षा विद्यार्थियों को यही अवसर प्रदान करती है।

शिक्षकों पर नई पीढ़ी तैयार को करने की बड़ी जिम्मेदारी : प्रेमलता
मानव संसाधन विशेषज्ञ रिसोर्स पर्सन प्रेमलता ने कहा कि शिक्षकों के कंधों पर नई पीढ़ी को तैयार करने की बड़ी जिम्मेदारी है, जिसे ईमानदारीपूर्वक निभाने की जरूरत है। उन्होंने कहा- बच्चे क्लासरूम में जो पढ़ते हैं, एक्टिविटी के माध्यम से उन्हें व्यावहारिक तौर पर अनुभव करना सीखने और समझने में काफी सहायक है। यही कारण है कि सीबीएसई के साथ-साथ नई शिक्षा नीति में भी एक्सपेरिएंशियल लर्निंग पर विशेष जोर दिया गया है।

वक्ताओं ने इस ओर शिक्षकों में क्षमता के विकास पर भी बल दिया, ताकि अधिकाधिक विद्यार्थियों को लाभान्वित किया जा सके। इसके पूर्व, कार्यशाला के प्रारंभ में दोनों ही रिसोर्स पर्सन्स का स्वागत उन्हें पौधा भेंटकर किया गया। कार्यक्रम के दूसरे दिन के सत्र में रविवार को प्रतिभागी शिक्षकों की एक्टिविटी का मूल्यांकन किया जाएगा तथा उनकी प्रतिक्रियाएं भी ली जाएंगी।

व्यावहारिक अध्ययन विषयों को समझने में सहायक : डॉ. गंगवार
विद्यालय के प्राचार्य डॉ. एएस गंगवार ने उक्त कार्यशाला को महत्वपूर्ण और प्रासंगिक बताया। उन्होंने कहा कि पढ़ी गई चीजों को अवलोकन, विश्लेषण और संश्लेषण के बाद कार्यरूप में करने का अनुभव संबंधित विषय-वस्तु को समझना आसान बना देता है। यह छात्र-छात्राओं की छिपी प्रतिभा को निखारने और उनके ज्ञानार्जन के विकास में काफी सहायक है।

उन्होंने बताया कि डीपीएस बोकारो अपने विद्यार्थियों को अनुभव आधारित शिक्षा के हर अवसर प्रदान करता है। इसके तहत उन्हें किताबी संसार से बाहर की वास्तविक दुनिया में छिपा ज्ञान प्रदान करने हेतु विभिन्न जगहों का भ्रमण कराया जाता रहा है। यह प्रयास आगे भी जारी रहेगा।


Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!