Bokaro: दुमका के नवनियुक्त विधायक बसंत सोरेन को दुमका उपराजधानी सिर्फ नाम से कहलाना अच्छा नहीं लगता। वह चाहते है की दुमका में हर वह संसाधन रहे जो एक उपराजधानी में होता है। दुमका में भी गुणात्मक शिक्षा विकसित हो, अच्छी स्वास्थ व्यवस्था हो, इंडस्ट्रियल ग्रोथ का अच्छा माहौल बने, चका-चक रोड, बिजली, पानी, पर्यटन आदि हो। कुल मिलाकर वह चाहते है की दुमका उपराजधानी होने की हर आहर्ता वास्तविक रूप से पूर्ण करे।
बसंत सोरेन ने अपने यह दिल की बात अपने करीबियों को बोकारो में बताई। बसंत रांची जाने के क्रम में सेक्टर-5 स्तिथ अपने आवास में कुछ देर के लिए रुके थे। जीत की खुशी तो थी पर उसको ब्यान वह अपनी हलकी सी मुस्कराहट से कर रहे थे। उनके आने की खबर सुनकर कल देर रात खुशिया मना कर सोये कार्यकर्ता और नेता, सुबह तड़के उठ उनके आवास पहुंच गए। झामुमो के नगर अध्यक्ष मंटू यादव भी अपने कार्यकर्ताओ के साथ उनके आवास पहुंच और उनको गुलदस्ता देकर जीत की मुबारक़बाद दी।


बसंत सोरेन के करीबी यह जानते है की वह जो ठान लेते है वह करते ही है। जल्दी किसी को कुछ कहते नहीं, पर अगर कह दिया तो पूरा कर के ही छोड़ते है। बसंत सोरेन ने अगर दुमका के विकास का कमिटमेंट कर किया है तो उसे वह पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। बसंत सोरेन दुमका चुनाव जितने के बाद की पहली सुबह बोकारो में मीडिया से मुखातिब हुए। उन्होंने कहा की दुमका में स्वास्थ्य और शिक्षा को बेहतर करना मेरी पहली प्राथमिकता होगी।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से दुमका उप-राजधानी है उसको वैसा ही हक मिलना चाहिए था, जो अब तक नहीं मिल पाया है। हमारी प्राथमिकता होगी कि दुमका में बेहतर संसाधन और लोगों को बेहतर सुविधा मुहैया कराना। उन्होंने कहा कि दुमका में स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर काम करने की जरूरत है, ताकि लोगों को इसका लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि जीत से जरूर खुशी मिली है लेकिन लोगों को दिए जनमत को बेहतर ढंग से जमीन पर उतारना हमारे लिए जरूरी होगा।
