Surendra Kumar
Bokaro: गोड्डा के पूर्व सांसद और कांग्रेस के कद्दावर नेता, फुरकान अंसारी ने मंगलवार को राहुल गांधी को साफ़-साफ़ कह दिया की अगर वह पार्टी को सही में मजबूत करना चाहते है, तो अपने काम करने का तरीका बदले। अंसारी ने अपने ही पार्टी के आलाकमान सोनिया गांधी और राहुल गांधी को आयना दिखाते हुए कहा की सिस्टम चेंज किये बिना कांग्रेस को मजबूत नहीं कर सकते। अंसारी रांची से गोड्डा जाने के क्रम में थोड़ी देर के लिए बोकारो में रुके थे।

उन्होंने कहा की पार्टी के हालत अगर सुधारनी है, तो राहुल गांधी को सबसे पहले अपने कार्यालय में बैठने वाले सलाहकार बदलने होंगे, क्योंकि उनमे कोई भी पोलिटिकल बैकग्राउंड का नहीं है। वह सब एमबीए और प्रोफेशनल डिग्री होल्डर है। वह अच्छे मैनेजर्स बन सकते है, राजनीतिक सलाहकार नहीं बन सकते। उनको क्या पता की वोटर्स के साथ जमीनी स्तर में कैसे कनेक्ट होते है। उनके सलाहकार राहुल गांधी को डार्क में रखते है। एक जमीन से जुड़ा पॉलिटिशियन ही वोटर्स का दिल जीतना जनता है। राहुल गांधी पार्टी के सर्वे सर्वा है उनको चाहिए की किसी पॉलिटिशियन को अपना एडवाइजर रखे।

पूर्व सांसद गोड्डा फुरकान अंसारी और उनके बेटे जामतारा विधायक इरफ़ान अंसारी और जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय के साथ बोकारो सर्किट हाउस में
फुरकान इतने पर ही नहीं रुके उन्होंने यह भी कहा की जमींन से जुड़े कांग्रेसी नेताओ को बहुत बुरा लगता है जब उन्हें राहुल गांधी के उन प्रोफेशनल सलाहकार को सर कहना पड़ता है। उन्होंने बिहार में कांग्रेस को मिली हार के पीछे ओवर-कॉन्फिडेंस होना बताया। और, बड़े नेताओ का जमीनी स्तर में लोगो से कनेक्ट नहीं हो पाना बिहार में हार के मुख्य कारणों में से एक था। राहुल गांधी द्वारा खेलगांव में सम्बोधित किये गए एक रैली का जिक्र करते हुए कहा की लोगो को राहुल गांधी द्वारा कहीं गई बातें कुछ समझ में ही नहीं आय आई।
अंसारी ने कहा की जब उन्हें बर्दास्त नहीं हुआ तो उन्होंने ने इन सब तथ्यों को दर्शाते हुए सोनिया गांधी और राहुल गांधी को लेटर भेजा है। 1980 में जब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री बनी थी तब से फुरकान अंसारी कांग्रेस से जुड़े हुए है। 72-वर्षीय अंसारी आज की कांग्रेस की हालत देखकर बेहद तकलीफ महसूस करते है। उन्होंने ने कहा की कांग्रेस एक सेक्युलर पार्टी है और एकमात्र ऐसी पार्टी है जो बीजेपी का विकल्प है। पर उसके लिए कांग्रेस को मजबूत होना होगा। जब तक कांग्रेस मजबूत नहीं होगी, तब तक हमलोग कैसे मजबूत होंगे। इसके लिए एरर (गलतियों) को सुधारना आवश्यक है।

अंसारी झारखण्ड के पुराने कांग्रेसी नेता है। उनके बेटे इरफ़ान अंसारी अभी जामतारा से विधायक है और झारखण्ड कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष है। अंसारी ने कांग्रेस के झारखण्ड से जुड़े बिहार के चुनाव प्रभारी डॉ अजय कुमार का उदहारण देते हुए कहा वह ब्लॉक प्रभारी बनने लायक नहीं है। वह अधिकारी रहे हुए है, उनको चुनाव के बारे में क्या पता। अगर हमारा चलता तो हम झारखण्ड प्रभारी आरपीएन सिंह को ब्लॉक प्रभारी नहीं बनाते। झारखण्ड में कांग्रेस की सरकार है पर फिर भी यहां संगठन को मजबूत करने की जरुरत है। उन्होंने झारखण्ड सरकार से छठ पर्व पर घाटों में पूजन की मनाही को पुनर्विचार करने की बात कही है।
