Bokaro: बोकारो इस्पात संयंत्र (BSL) से जुड़ी स्थानीय समस्याओं और जनहित के मुद्दों को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने संयंत्र प्रबंधन से ठोस कार्रवाई की मांग की है। सोमवार को झामुमो बोकारो महानगर अध्यक्ष मंटू यादव के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने संयंत्र के निदेशक प्रभारी वीरेन्द्र कुमार तिवारी से मुलाकात की और उन्हें आठ सूत्रीय ज्ञापन सौंपा।
झामुमो ने जताई स्थानीय हितों की अनदेखी पर चिंता
मंटू यादव ने कहा कि बोकारो शहर का सामाजिक और आर्थिक विकास इस्पात संयंत्र की गतिविधियों से सीधे जुड़ा हुआ है। संयंत्र की नीतियां स्थानीय लोगों के जीवन पर व्यापक असर डालती हैं, इसलिए आवश्यक है कि संयंत्र प्रबंधन स्थानीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करते हुए जनहित को प्राथमिकता दे।
ज्ञापन में उठाए गए मुख्य मुद्दे
प्रतिनिधिमंडल द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में निम्नलिखित प्रमुख मांगें शामिल थीं:
-बिरसा चौक का सौंदर्यीकरण: नयामोड़ स्थित बिरसा चौक की स्थिति अत्यंत दयनीय है। इसे शहर की पहचान के अनुरूप आधुनिक रूप दिया जाए।
-स्थानीय युवाओं की नियुक्ति नीति: विस्थापित युवाओं को टाटा की तर्ज पर नियमित नियुक्ति सुनिश्चित करने वाली नीति बनाई जाए।
-गुमटी आवंटन में प्राथमिकता: शहर के हर सेक्टर में 300 गुमटी लाइसेंस दिए जाएं, जिनमें 50% विस्थापितों और 50% स्थानीय बेरोजगारों को प्राथमिकता मिले।
-संयंत्र विस्तार में स्थानीय सहभागिता: संयंत्र की विस्तार योजनाओं में स्थानीय युवाओं, संवेदकों और जियाडा के उद्यमियों को मौका दिया जाए।
-पुनर्वास क्षेत्रों में नगर सेवाएं: जलापूर्ति, सफाई, सड़क मरम्मत जैसी सुविधाएं पुनः बहाल की जाएं।
-नए डीएवी स्कूल की स्थापना: स्थानीय बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए कम से कम पांच नए डीएवी स्कूल खोले जाएं।
-ईएसआईसी अस्पताल के लिए स्थायी भवन: सेक्टर-4 में किराये पर चल रहे अस्पताल को सेक्टर-2 के बंद जनस्वास्थ्य केंद्र में स्थानांतरित किया जाए।
-ठेका श्रमिकों को ई-टाइप आवास: स्थायी प्रकृति के ठेका श्रमिकों को सम्मानजनक जीवन के लिए ई-टाइप आवास दिए जाएं।
प्रबंधन ने दिया कार्रवाई का आश्वासन
मुलाकात के दौरान संयंत्र के निदेशक प्रभारी वीरेन्द्र कुमार तिवारी ने प्रतिनिधिमंडल की सभी मांगों को गंभीरता से सुना और आवश्यक विषयों पर सकारात्मक पहल का भरोसा दिया।
जनसमर्थन के साथ आगे बढ़ेगा आंदोलन: मंटू यादव
झामुमो महानगर अध्यक्ष ने कहा कि यह सभी मांगें आम जनता की जरूरतों से जुड़ी हैं। बोकारो का भविष्य इस संयंत्र से जुड़ा है, इसलिए प्रबंधन को चाहिए कि वह जनभावनाओं का सम्मान करते हुए निर्णय ले।