Bokaro: अतिक्रमण धीरे-धीरे अब बोकारो इस्पात संयंत्र (बीएसएल) के टाउनशिप में अपनी जड़े मजबूत करता जा रहा है। कंपनी के खाली आवास हो या ज़मीन सब अतिक्रमण के निशाने पर है। अवैध कब्जा करने के उद्देश्य से खाली आवासों (quarter) का ताला-तोड़ने की घटनाएं शहर में आम है। लेकिन इसकी गंभीरता का अंदाजा मंगलवार को हुई इस घटना से लगाया जा सकता है, जब सेक्टर-1 स्तिथ अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ), चास, दिलीप सिंह शेखावत (आईएएस) के पुराने आवास का ही ताला किसी ने अवैध कब्ज़ा करने के नियत से तोड़ दिया।
हालांकि क्वार्टर पर कब्जा करने का प्रयास विफल रहा, क्योंकि एसडीओ को इसके बारे में जैसे ही पता चला उन्होंने न सिर्फ पुलिस को सूचित किया, बल्कि खुद पहुंचकर अवैध कब्जाधारियों का लगाया ताला तोड़ गिराया। बता दें, एसडीओ का पुराना आवास, झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के आवास से एकदम सट कर है। वर्तमान में शेखावत कैंप-2 क्षेत्र में रह रहे हैं, लेकिन फिर भी वह आवास एसडीओ साहब के नाम पर अलॉटेड है। बीएसएल द्वारा दिए गए जिला पूल के क्वार्टरो में वह एक है।
एसडीओ ने बताया कि, “किसी ने पुराने आवास का ताला तोड़ दिया था। सूचना मिलने पर वह और स्थिति का जायजा लिया। अवैध कब्जेदार नहीं मिले। उनका ताला तोड़ फिर से ताला लगा दिया। पुलिस को इस मामले में सख्त कानूनी कार्रवाई करने को कहा गया है”। बता दें, यह आवास पूर्व एसडीओ शशि प्रकाश सिंह के समय में खाली था। उस समय शशि प्रकाश सिंह कैंप द्वितीय में बने डीडीसी के आवास में रहने लगे थे, इसलिए पुराना मकान खाली पड़ा था। वर्तमान एसडीओ दिलीप सिंह शेखावत आए तो वह भी डीडीसी आवास में शिफ्ट हो गए।
बोकारो स्टील टाउनशिप में क्वार्टरों का अतिक्रमण बीएसएल प्रबंधन के किये चिंता का एक प्रमुख कारण है। सूत्रों के अनुसार, बीएसएल प्रबंधन ने क्वार्टर का ताला तोड़ने के 1300 मामले एस्टेट कोर्ट (अर्ध-न्यायिक निकाय) में दायर किए हैं, जिसमें 250 क्वार्टरों के खिलाफ बेदखली का आदेश पारित किया गया है जबकि 400 मामलों में विचाराधीन है। एहि नहीं पिछले डेढ़ साल में जिला प्रशासन के सहयोग से बेदखली अभियान चलाकर बीएसएल की टीम ने करीब 240 क्वार्टरों खाली कराया है. अभी भी सेक्टरों में काफी संख्या में क्वार्टर अवैध कब्जे में हैं।
बोकारो टाउनशिप में पांच प्रकार के क्वार्टर हैं जिनमें बी टाइप, सी टाइप, सीडी टाइप, ईएफ टाइप और ई टाइप शामिल हैं। इनमें से सी टाइप क्वार्टर एक्जीक्यूटिव को आवंटित किए जाते हैं जबकि बी टाइप क्वार्टर वरिष्ठ अधिकारियों को दिए जाते हैं। एसडीओ का पुराना आवास बी टाइप क्वार्टर था। इसके अलावा बीएसएल टाउनशिप की 2000 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण है, जिसके खिलाफ बीएसएल के एस्टेट कोर्ट द्वारा 220 मामलों में बेदखली का आदेश पारित किया गया है।